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पटना : भूल सुधारी, तो छात्र बना सेकेंड टॉपर

छात्र मानव गोपाल ने हाइकोर्ट में दायर की थी याचिका पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति कितनी लापरवाह है, इसका एक उदाहरण पटना हाइकोर्ट में एक छात्र की रिट याचिका की सुनवाई के बाद पता चला. इस छात्र ने यदि हाइकोर्ट का सहारा नहीं लिया होता, तो वह सेकेंड टॉपर घोषित नहीं हो पाता. न्यायाधीश […]

छात्र मानव गोपाल ने हाइकोर्ट में दायर की थी याचिका
पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति कितनी लापरवाह है, इसका एक उदाहरण पटना हाइकोर्ट में एक छात्र की रिट याचिका की सुनवाई के बाद पता चला.
इस छात्र ने यदि हाइकोर्ट का सहारा नहीं लिया होता, तो वह सेकेंड टॉपर घोषित नहीं हो पाता. न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की अदालत ने सिमुलतला आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र मानव गोपाल ने याचिका दायर कर दावा किया था कि उसे मैट्रिक परीक्षा के हिंदी विषय में कम अंक दिये गये हैं. उसके इस दावे को परीक्षा समिति ने खारिज कर दिया, तब उसने हाइकोर्ट की शरण ली. याचिकाकर्ता की प्रार्थना पर परीक्षा समिति से हिंदी की कॉपी अदालत में मंगवायी गयी.
परीक्षा समिति ने खुद मान ली गलती : इससे पहले की गड़बड़ी पकड़ी जाती, परीक्षा समिति ने स्वीकार कर लिया कि मानव गोपाल को एक प्रश्न के उत्तर में 4 अंक नहीं दिया जा सका था, जिस कारण उसका कुल अंक 458 से बढ़ कर 462 हो चुका है. मालूम हो कि उक्त छात्र ने 2017 में मैट्रिक की परीक्षा दी थी लेकिन उसका विवाद सुलझने में दो वर्ष लग गये. मानव गोपाल को 4 अंक मिलने के बाद अब वह बोर्ड के सेकेंड टॉपर हर्षिता कुमारी के बराबर अंक लाने वाला छात्र बन गया. अदालत ने बोर्ड की इस गड़बड़ी पर बड़ी हैरानी जाहिर की.
साथ ही यह भी निर्देश दिया कि राज्य सरकार द्वारा जो सुविधाएं सेकेंड टॉपर को दी गयी थीं, वही सारी सुविधाएं इस लड़के को भी दी जाये. यह छात्र पहले पांचवें पायदान पर था. लेकिन अब हर्षिता कुमारी के साथ संयुक्त रूप से सेकेंड टॉपर कहलायेगा. अब इसे सेकेंड टॉपर के रूप में लैपटॉप, इ रीडर एवं 75000 रुपये भी देने होंगे.

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