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अमृततुल्य समय में भाई की कलाई में बांधे राखी, जानें रक्षा सूत्र बांधने का सही वक्त

सदगुरुस्वामी आनन्द जीरक्षाबंधन का पर्व इस वर्ष श्रावण और धनिष्ठा नक्षत्र के साए में मनाया जा रहा है. पूर्णिमा यूं तो 14 अगस्त की शाम 3.45 पर ही लग चुकी है पर उदया तिथि यानी सूर्योदय के समय की तिथि की मान्यता के कारण पूर्णिमा 15 अगस्त को मनायी जा रही है. 15 अगस्त 2019 […]

सदगुरुस्वामी आनन्द जी
रक्षाबंधन का पर्व इस वर्ष श्रावण और धनिष्ठा नक्षत्र के साए में मनाया जा रहा है. पूर्णिमा यूं तो 14 अगस्त की शाम 3.45 पर ही लग चुकी है पर उदया तिथि यानी सूर्योदय के समय की तिथि की मान्यता के कारण पूर्णिमा 15 अगस्त को मनायी जा रही है.

15 अगस्त 2019 की सुबह 8.01 तक श्रावण नक्षत्र रहेगा उसके पश्चात यह पर्व धनिष्ठा नक्षत्र की छतरी में संपादित होगा. दोपहर 11.58 बजे तक सौभाग्य योग, तत्पश्चात शोभन योग है. शाम 5.58 तक भाव करन और और उसके बाद बालव करन रहेगा.

इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा नहीं है, लिहाज़ा राखी बांधने के लिए पूरा दिन ही उपयुक्त है. पर दोपहर 3 से 3.52 तक का समय अमृततुल्य यानी सर्वश्रेष्ठ है. प्रातः 6.15 से 7.45 तथा संध्या 5.30 से 5.55 तक की बेला भी शुभ मुहूर्त में शुमार है.

भाई की सर्वत्र विजय के लिए दोपहर 12.14 से 1.05 तक का काल उत्तम है. भ्राता की उन्नति और प्रगति की कामना पूर्ति के लिए दोपहर 12.25 से 2.15 तक का समय बेहतर है. दोपहर 1.30 से 3 बजे तक राहुकाल है.

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