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शेल कंपनी पर 2.74 करोड़ टैक्स चोरी की प्राथमिकी
जीएसटीआर-1 दाखिल कर कंपनी ने बिक्री दिखायी, लेकिन जीएसटीआर-2 ए में खरीद का कोई जिक्र नहीं किया 2017 में शुभ लक्ष्मी इंटरप्राइजेज के नाम से लिया गया था जीएसटी का रजिस्ट्रेशन भगवती कॉम्प्लेक्स पुराना बाजार का दिया था एड्रेस जांच में कागज पर खेल का खुलासा, आइटीसी का दावा निकला फर्जी धनबाद :धनबाद में एक […]
जीएसटीआर-1 दाखिल कर कंपनी ने बिक्री दिखायी, लेकिन जीएसटीआर-2 ए में खरीद का कोई जिक्र नहीं किया
2017 में शुभ लक्ष्मी इंटरप्राइजेज के नाम से लिया गया था जीएसटी का रजिस्ट्रेशन
भगवती कॉम्प्लेक्स पुराना बाजार का दिया था एड्रेस
जांच में कागज पर खेल का खुलासा, आइटीसी का दावा निकला फर्जी
धनबाद :धनबाद में एक और शेल कंपनी की कारगुजारी उजागर हुई है. शुभ लक्ष्मी इंटरप्राइजेज नामक शेल कंपनी ने कागज पर सीमेंट, छड़ व कोयला की बिक्री दिखाकर सरकार को 2.74 करोड़ राजस्व का चूना लगाया है. मामला 2017-18 व 2018-19 का है. मंगलवार को राज्यकर अधिकारी राजेश राज महली ने शुभ लक्ष्मी इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर उत्तम कुमार दास के खिलाफ बैंक मोड़ थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. बैंक मोड़ पुलिस ने अनुसंधान शुरू कर दिया है.
कागज पर हुआ खेल एड्रेस निकला फर्जी : टैक्स चोरी का पूरा खेल कागज पर हुआ. कंपनी ने माल की खरीद नहीं दिखायी, लेकिन विभिन्न कंपनियों को बिक्री पर आइटीसी का लाभ ले लिया. उत्तम कुमार दास नामक व्यक्ति ने 25 अक्तूबर 2017 को शुभ लक्ष्मी इंटरप्राइजेज के नाम से सीमेंट, छड़, पेट्रोलियम, बिटूमिन्स व कोल के कारोबार के लिए जीएसटी में रजिस्ट्रेशन लिया. अपना एड्रेस फ्लैट नंबर 202, भगवती कॉम्प्लेक्स, पुराना बाजार का दिया. स्थायी पता बीएम रोड चंपादानी, हुगली पश्चिम बंगाल का था.
शुभ लक्ष्मी की ओर से अक्तूबर 2017 से मई 2018 तक 1.26 करोड़ का आइटीसी का दावा किया गया. जीएसटीआर-1 दाखिल कर बिक्री दिखायी गयी, लेकिन जीएसटीआर-2 ए में खरीद का कोई जिक्र नहीं था. जांच की गयी तो न तो बताये गये एड्रेस पर कंपनी का ऑफिस मिला और न ही कोई व्यक्ति. राज्यकर ने सेक्शन 132 (2) ए के तहत आइटीसी क्लेम का दुगुना जुर्माना के साथ 2017-18 में 1.82 करोड़ व 2018-19 में 92 लाख टैक्स चोरी की प्राथमिकी दर्ज करायी.
पचास हजार एडवांस दिया था भाड़ा : शुभ लक्ष्मी इंटरप्राइजेज के ऑफिस के लिए उत्तम कुमार दास नामक व्यक्ति ने भगवती कॉम्प्लेक्स फ्लैट नंबर 202 के लिए मकान मालिक राणा रवि सिंह की पत्नी रीता देवी के नाम से एग्रीमेंट कराया. एडवांस के रूप में पचास हजार रुपया दिया. लेकिन एक दिन भी फ्लैट में नहीं रहा. सिर्फ एग्रीमेंट की कॉपी के आधार पर उत्तम दास ने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराया.
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