नयी दिल्ली : भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने मकान खरीदारों पर ‘अनुचित’ एवं ‘भेदभावपूर्ण’ शर्तों को थोपने के लिए बाजार में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करने को लेकर जय प्रकाश एसोसिएट्स पर करीब 14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. सीसीआई ने कहा है कि प्रतिवादी (जय प्रकाश एसोसिएट्स) ने अवांछनीय उद्योग परंपराओं को बढ़ावा दिया, इससे प्रतिस्पर्धा एवं उपभोक्ताओं को उल्लेखनीय रूप से नुकसान हुआ. कंपनी ने बाजार में अपनी मजबूत स्थिति को देखते हुए उचित मानकों को अपनाने की अपनी जिम्मेदारी को नजरंदाज किया.
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उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में 2011 में जेपी ग्रीन्स में विला बुक कराने वाली नवीन कटारिया की शिकायत पर सीसीआई ने यह फैसला सुनाया है. फरवरी, 2019 में शिकायतकर्ता ने सीसीआई को सूचित किया कि वह इस मामले को जारी नहीं रखना चाहती है, क्योंकि कंपनी के साथ लंबित विवाद सुलझ गया है. प्रतिस्पर्धा कानून की कुछ खास धाराओं में दर्ज करायी गयी शिकायत को वापस नहीं लिया जा सकता.
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