देवघर : सावन की अंतिम सोमवारी पर बाबाधाम मंदिर में जल चढ़ाने के लिए कांवरियों की भीड़ उमड़ पड़ी है़ रविवार देर शाम से ही कांवरियों की कतार लग गयी़ रविवार की दोपहर के बाद कांवरियों का रेला दिखने लगा़ इधर, प्रशासन भी सावन की अंतिम सोमवारी को लेकर मुस्तैदी से जुटा है. आइजी ने बैठक कर पुलिस पदाधिकारियों को कांवरियों की सुरक्षा व सुविधा को बेहतर बनाने का निर्देश दिया.
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अंतिम सोमवारी पर जल चढ़ाने को उमड़े श्रद्धालु
देवघर : सावन की अंतिम सोमवारी पर बाबाधाम मंदिर में जल चढ़ाने के लिए कांवरियों की भीड़ उमड़ पड़ी है़ रविवार देर शाम से ही कांवरियों की कतार लग गयी़ रविवार की दोपहर के बाद कांवरियों का रेला दिखने लगा़ इधर, प्रशासन भी सावन की अंतिम सोमवारी को लेकर मुस्तैदी से जुटा है. आइजी ने […]
वहीं, सोमवारी से एक दिन पहले रविवार को रूटलाइन दोपहर एक बजे तक काफी खाली खाली रहा. रूटलाइन में कांवरियों की तादाद में काफी कमी देखने को मिली. रविवार को लगभग 1.30 लाख कांवरियों ने जलार्पण किया, जबकि 6000 से अधिक भक्तों ने शीघ्रदर्नम कूपन के माध्यम से जलाभिषेक किया.
1.5 लाख कांवरियों ने सुलतानगंज से उठाया गंगाजल
सुलतानगंज (भागलपुर) : सावन की एकादशी तिथि पर लगभग डेढ़ लाख कांवरियाें ने गंगा से जल भर कर देवघर प्रस्थान किया. अंतिम सोमवारी पर जल उठाने के लिए भी रविवार की शाम से ही कांवरियों का महारैला अजगैवीनगरी में उमड़ पड़ा. अंतिम सोमवारी को लगभग ढाई से तीन लाख कांवरियों के पहुंचने की संभावना है. डाकबमों की भी भारी भीड़ दिखी़
नयी सीढ़ी घाट मुख्य नियंत्रण कक्ष में प्रमाणपत्र लेने के लिए डाकबमों की लंबी लाइन लगी रही. मुख्य नियंत्रण कक्ष कृष्णगढ़ के अनुसार छह हजार 405 डाकबम में 192 महिला डाकबम ने प्रमाणपत्र लेकर देवघर रवाना हुए. जबकि सामान्य कांवरिया में एक लाख 05 हजार 340 व महिला 45 हजार 145 ने गंगा जल भर कर बाबाधाम को प्रस्थान किया.
कांवरयात्रा में मिल गया पूर्वजों का नाम
सुलतानगंज. अपने परदादा का नाम मालूम नहीं था. गंगा जल भरने आये जेइ चंदन गुप्ता ने बताया कि कांवर यात्रा में आने पर मुझे अपने परदादा का नाम मालूम चल गया. यह मेरी पहली कांवर यात्रा है. यहां आने पर मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि पंडा मोटे बही में क्या दिखाते हैं. हर एक पंडा के पास बही था.
जब मैं अपने पंडा से पूछा तो उन्होंने बताया कि इसमें आपके सारे पूर्वज का नाम है. तब इच्छुक होकर मैंने भी अपने परदादा का नाम जानना चाहा तो उन्होंने अपने मोटे-मोटे बही को खोल कर तुरंत मेरे परदादा का नाम रामचंद्र गुप्ता, यूपी, देवरिया जिला निवासी बता दिया.
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