मोदी सरकार ने जब से जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने कीपेशकश की है, तब से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. वह भारत के इस फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषदसेलेकर अमेरिका और रूस जैसेदेशोंसेमदद मांगी, लेकिन उसेकिसीने भाव नहीं दिया. पाकिस्तान अब चीन से समर्थन जुटा रहा है.
पाकिस्तानमेंअर्थव्यवस्था की हालत इतनी खस्ता है कि इस देश पर जितना कर्ज का बोझ है, उतनी 43 छोटे देशों की संयुक्त अर्थव्यवस्था है. अपने ऊपर इतने भारी कर्ज के बोझ के बावजूद पाकिस्तान भारत के खिलाफ अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की 2018 की रैंकिंग के मुताबिक, भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2.71 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर का है. इस लिहाज से भारत दुनिया की सातवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है.
वहीं, पाकिस्तान की जीडीपी 0.31 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर हैऔर इसकी रैंकिंग 39वीं है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान पर इस समय लगभग 105 अरब अमेरिकी डॉलर का विदेशी कर्ज हैऔर यह इस देश के लिए आज तक का सर्वाधिक है.
पाकिस्तान पर यह कर्ज की रकम 43 देशों की संयुक्त जीडीपी के बराबर है. इनमें सामोआ, किरीबाती, सेशेल्स, गांबिया, एंटिगुआ और बरबुडा, भूटान, मध्य अफ्रीका, लाइबेरिया, बुरुंडी, सुरीनाम, दक्षिण सूडान, सिएरा लियोन, बरबाडोज, फिजी, मालदीव जैसे देश शामिल हैं. इन 43 देशों की संयुक्त अर्थव्यवस्थालगभग 107 अरब अमेरिकी डॉलर है.