<figure> <img alt="फल मंडी" src="https://c.files.bbci.co.uk/1549B/production/_108259178_3bd02811-512a-4c58-a3a8-8ab9386c94ef.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने की ख़बर जब मोहम्मद रशीद जैसे कई मज़दूरों तक पहुंची तो उन्हें अंदाज़ा हो गया था कि घर का चूल्हा जलाने का वो रास्ता जिसके खुलने का उन्हें इंतज़ार था, अब शायद लंबे समय तक बंद ही रहेगा.</p><p>इसलिए उन्हें पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के इस फ़ैसले से हैरत नहीं हुई कि भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार स्थगित रहेगा. </p><p>मोहम्मद रशीद नियंत्रण रेखा पर चकोठी क्रॉसिंग पॉइंट पर मज़दूरी करते हैं. वह श्रीनगर से आने वाले और मुज़फ़्फ़राबाद से नियंत्रण रेखा के उस पर जाने वाले ट्रकों पर सामान लादने और उतारने का काम करते हैं और उसी से उनका घर चलता था. </p><p>मोहम्मद रशीद कहते हैं, "व्यापार चलता था तो हम हर सप्ताह छह या सात हज़ार रुपये कमा लेते थे. पहले उम्मीद थी कि बातचीत होगी, कोई रास्ता निकलेगा और यहां नियंत्रण रेखा पर काम फिर शुरू होगा, हम तो इसी उम्मीद पर थे, मगर नरेंद्र मोदी ने नया क़ानून बनाकर ही सही कसर भी निकाल दी है."</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49288237?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर मुद्दे पर क्या बोले तालिबान</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49266321?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर: ‘विरोध का प्रतीक’ बनी इस फ़ोटो की कहानी</a></li> </ul><figure> <img alt="मज़दूर" src="https://c.files.bbci.co.uk/7837/production/_108257703_c36db4cd-4f3d-4b21-ba3e-6772df77f318.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>भारत में भी मज़दूर बेहाल</h1><p>ये तस्वीर सिर्फ़ नियंत्रण रेखा के दूसरी ओर की नहीं हैं बल्कि व्यापारियों का कहना है कि व्यापार रास्ते बंद होने से भारत प्रशासित कश्मीर में मज़दूर वर्ग की हालत भी बदतर हुई है.</p><p>जम्मू और कश्मीर को जोड़ता श्रीनगर रोड उन दो रास्तों में से एक है जिनके ज़रिये नियंत्रण रेखा के आर-पार व्यापार का सिलसिला चलता है लेकिन यहां अब चहल-पहल खासी कम है. </p><p>पाकिस्तान और भारत की सरकारों ने तक़रीबन 11 साल पहले नियंत्रण रेखा पर व्यापार की शुरुआत की थी. दोनों देशों ने 21 वस्तुओं के व्यापार की सूची तैयार की और उड़ी, मुज़फ़्फ़राबाद रोड और पुंछ, रावलकोट रोड को व्यापार के लिए खोल दिया.</p><p>कई दशकों के बाद यहां सामान से लदे ट्रकों के आने-जाने की शुरुआत हुई.</p><p>कश्मीरियों को एक-दूसरे से मिलने का, कारोबार का मौक़ा मिला और हज़ारों लोगों की रोज़ी-रोटी का ज़रिया भी बना. ये व्यापार सामान के आदान-प्रदान के बाद शुरू हुआ. अब भी सामान के बदले सामान की प्रणाली लागू की जाती है.</p><p>पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भारत के साथ व्यापार बंद करने की घोषणा की है लेकिन पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के नियंत्रण रेखा के पार होने वाला व्यापार पहले से ही बंद है और ये ख़ुद भारत ने बंद किया था.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49279019?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर पर क्यों मुश्किल है पाकिस्तान की राह</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49279020?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">विकास के मोर्चे पर क्या वाक़ई पिछड़ा है जम्मू-कश्मीर?</a></li> </ul><figure> <img alt="चकोठी सेक्टर के क्रॉसिंग पॉइंट को पिछले साल भारत ने बंद कर दिया था" src="https://c.files.bbci.co.uk/C657/production/_108257705_743bc2a8-2386-481e-b5df-d371ee1b22b7.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>चकोठी सेक्टर के क्रॉसिंग पॉइंट को पिछले साल भारत ने बंद कर दिया था</figcaption> </figure><h1>’सबसे पहले कश्मीर का आंदोलन'</h1><p>चकोठी सेक्टर में क्रॉसिंग पॉइंट को भारत ने पिछले साल अप्रैल में बंद कर दिया था. भारत ने आरोप लगाया था कि इस रास्ते से पाकिस्तान वादी में हथियार और ड्रग्स की स्मगलिंग कर रहा है जिसकी वजह से व्यापार उस वक़्त तक स्थगित रहेगा जब तक कि पाकिस्तान कड़ी कार्रवाई नहीं कर लेता.</p><p>पाकिस्तान ने उस वक़्त इन आरोपों को ख़ारिज करते हुए भारत की कार्रवाई को अफ़सोसजनक बताया था.</p><p>यही वजह है कि मोहम्मद रशीद समझते हैं कि उनकी आर्थिक आपदा का ज़िम्मेदार भारत है.</p><p>उन्होंने कहा, "भारत ने चार महीने पहले व्यापार बंद करने का ऐलान किया, मेरी तरह तीन सौ से अधिक मज़दूर घर बैठ गए, हमारे चूल्हे ठंडे पड़ गए हैं."</p><p>बीबीसी से बात करते हुए नियंत्रण रेखा पर होने वाले व्यापार से जुड़े गौहर अहमद कश्मीरी कहते हैं कि उनके लिए सबसे पहले तो कश्मीर का आंदोलन है.</p><figure> <img alt="भारत-पाकिस्तान सीमा" src="https://c.files.bbci.co.uk/2A17/production/_108257701_680df0cc-46e0-4669-b6d5-1f16ef1e9714.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>उन्होंने कहा, "लेकिन ये भी हक़ीक़त है कि व्यापारी इस वक़्त परेशान हैं और ये परेशानी नियंत्रण रेखा के दोनों ओर है. ख़ासतौर पर जो मज़दूर वर्ग है वह अब बिलकुल असहाय बैठा है क्योंकि उनके लिए रोज़गार का एक रास्ता बन गया था जो अब बंद हो गया है."</p><p>"वह मज़दूर अब किस हाल में है, इसका न नियंत्रण रेखा के उस तरफ़ किसी को पता है न ही हमारी तरफ़ किसी को ख़याल है."</p><p>वह कहते हैं कि चकोठी सेक्टर पर गोदाम चार महीने से भरे पड़े हैं. "मगर अब वह माल न हम वहां से वापिस ला सकते हैं न नियंत्रण रेखा की दूसरी ओर लेकर जा सकते हैं. सिस्टम जाम करके रख दिया है. फ़ैसलाबाद, लाहौर, पंडी की मंडियों से सामान इसलिए ख़रीदा था क्योंकि सामान उन पार भेजना था मगर उन्होंने जो पाबंदी लगाई उसने सब ख़त्म कर दिया."</p><p>"व्यापारी भी मारा गया, दुकानदार भी मारा गया और मंडियां भी तबाह हो गई हैं. उस वक़्त कोशिश हो रही थी कि रास्ता आज नहीं तो कल खुल जाएगा मगर अब भारत ने जो हालात पैदा कर दिए हैं अब कोई हल नज़र नहीं आ रहा."</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49287329?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">मोदी पर भरोसा ही ला सकता है कश्मीर में नई सुबह- नज़रिया </a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49227821?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर के हालात पर क्या है इस छात्रा का दर्द</a></li> </ul><figure> <img alt="व्यापार" src="https://c.files.bbci.co.uk/11477/production/_108257707_5d1a4240-964e-4b93-8d3d-100f8cfb93de.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>गौहर अहमद कश्मीरी के मुताबिक़ दोनों ओर से जिन 21 लेन-देन की चीज़ों की अनुमति थी उनमें सबसे मशहूर श्रीनगर से आने वाले कश्मीरी शॉलें थीं जो हाथों हाथ बिकती थीं. इसके अलावा दोनों तरफ़ फल, मसालों, क़ालीन और फ़र्नीचर वग़ैराह का कारोबार किया जा रहा था.</p><p>भारत प्रशासित कश्मीर से आने वाले सामानों में जड़ी-बूटियां और सब्ज़ियों के अलावा क़ालीन, लकड़ी के फ़र्नीचर, कढ़ाई वाले कपड़े शामिल हैं जबकि पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर से आने वाले सामानों में चावल, अखरोट, दालें, इतर, कपड़े आदि शामिल हैं.</p><p>पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में जब हमने सरकार से जानने की कोशिश की कि इस नए ऐलान के बाद सामान से लदे ट्रकों का आना-जाना तो ख़त्म हो गया है क्या अब यात्रियों का आना-जाना भी बंद हो जाएगा तो प्रशासन का कहना था कि उन्हें इस बारे में अभी कुछ मालूम नहीं है.</p><p>सेंट्रल ट्रेड यूनियन मुज़फ़्फ़राबाद के चेयरमैन शौकत नवाज़ मीर कहते हैं कि तमाम व्यापारियों के लिए कश्मीर का आंदोलन पहली प्राथमिकता है और व्यापार दूसरे नंबर पर है.</p><p>उन्होंने कहा, "एक कश्मीरी की हैसियत से मैं समझता हूं कि अगर मुझे लाखों-करोड़ों का नुक़सान भी हो गया तब भी मेरे लिए कश्मीर का आंदोलन पहली प्राथमिकता और व्यापार दूसरी प्राथमिकता रहेगा."</p><h1>सामान के बदले सामान से होता था व्यापार</h1><p>वह कहते हैं कि ये ख़ौफ़ ज़रूर था लेकिन दोनों ओर ये तसल्ली थी कि रास्ता तो ख़ुला है, कुछ तो व्यापार है चाहे वह चीज़ों के बदले चीज़ है.</p><p>"आज दोनों तरफ़ का व्यापारी बिलकुल परेशान है, मगर ये भी स्पष्ट है कि नियंत्रण रेखा की दोनों ओर मौजूद व्यापारी कभी भी व्यापार को कश्मीर के मुद्दे पर प्राथमिकता नहीं देगा. पाकिस्तान ने जो फ़ैसला किया वह मजबूरी में किया है, भारत ने पहले कश्मीर में ग़ैर-क़ानूनी क़दम उठाए और कश्मीरियों के अधिकार पर डाका डाला है. कश्मीरी अपने पेट पर पत्थर बांध लेगा, मगर कश्मीर पर कभी समझौता नहीं कर सकता."</p><p>ध्यान देने वाली बात है कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बीच सालाना 3 अरब रुपये से अधिक का व्यापार होता है. दोनों ओर से केवल 35-35 ट्रक आने और जाने की इजाज़त थी.</p><p>ये ट्रक हफ़्ते में चार दिन सुबह नौ बजे से शाम चार बजे के बीच सीमा पार जाते थे जबकि यहां 300 रजिस्टर्ड व्यापारी हैं जिनके लिए व्यापार के सख़्त नियम हैं. यहां बार्टर ट्रेड होता है यानी पैसों से चीज़ें नहीं ख़रीदी जातीं बल्कि लेन-देन में ‘माल के बदले माल’ दिया जाता है.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/BBCnewsHindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो सकते हैं.)</strong></p>
BREAKING NEWS
भारत से व्यापार बंद होने पर ठंडे पड़े इन पाकिस्तानी मज़दूरों के चूल्हे
<figure> <img alt="फल मंडी" src="https://c.files.bbci.co.uk/1549B/production/_108259178_3bd02811-512a-4c58-a3a8-8ab9386c94ef.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने की ख़बर जब मोहम्मद रशीद जैसे कई मज़दूरों तक पहुंची तो उन्हें अंदाज़ा हो गया था कि घर का चूल्हा जलाने का वो रास्ता जिसके खुलने का उन्हें इंतज़ार था, अब शायद लंबे समय तक बंद ही रहेगा.</p><p>इसलिए उन्हें […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement