नयी दिल्ली: शिक्षा हर किसी का जन्मसिद्ध अधिकार है. शिक्षा ज्ञान देती है, इंसान में कौशल का विकास करती है, आत्मविश्वास जगाती है, दुनिया में आत्मनिर्भरता की शिक्षा देती है और बेहतर इंसान बनने में मदद करती है. शिक्षा होगी तो इंसान बेहतर मानव संसाधन बनेगा और फिर राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में अपना सार्थक योगदान दे सकेगा.
हालात ऐसे हैं कि विभिन्न कारणों से हर किसी के लिए स्कूलों, कॉलजों या फिर विश्वविद्यालयों में दाखिला लेकर नियमित अध्ययन कर पाना संभव नहीं होता. पहले ऐसी परिस्थिति में एक बड़ी जनसंख्या शिक्षा से वंचित रह जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है. चूंकि संचार की व्यवस्था काफी प्रगति कर चुकी है और अधिकांश हाथों में इंटरनेट तथा स्मार्टफोन की आसान पहुंच है, इसलिए कोई नियमित रुप से किसी शिक्षण संस्थान में जाए बिना शिक्षा हासिल करना चाहता है तो आसानी से ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा हासिल कर सकता है.
मेसिव ओपेन ऑनलाइन कोर्सेज
आज के समय में दुनियाभर में बड़े पैमान पर ऐसे खुले ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफॉर्म हैं जिसके जरिए लोग आसानी से जिस विषय में चाहें शिक्षा हासिल कर सकते हैं. ऐसे शिक्षा माध्यम को आम भाषा में मेसिव ओपेन ऑनलाइन कोर्सेज (MOOCS) कहा जाता है. बता दें कि एमओओसी शब्द को साल2008 में डेविड कॉर्मियर नाम के शिक्षाविद्द ने गढ़ा था. पहली बार एमओओसी कनाडा के मैनिटोबा विश्वविद्यालय के जॉर्ज सीमेंस और स्टीफन डाउन्स द्वारा पढ़ाया गया था. इसके लिए 25 नियमित छात्रों का एक ग्रुप बनाया गया था जिन्होंने 1500 जरुरतमंद छात्रों का पढ़ाया था.
गौरतलब है कि सामान्य तौर पर मॉक्स ऑनलाइन शिक्षा बिलकुल मुफ्त होती है लेकिन अगर कोई छात्र चाहता है कि उसे संबंधित कोर्स का सर्टिफिकेट या डिग्री दी जाए तो फिर उन्हें बेहद कम फीस चुकाना होता है. ये राशि बेहद कम और सामान्य होती है.
काफी लचीला होता है मॉक्स कोर्स
इन ऑनलाइन कोर्सेज के कई भाग और विभाग होते हैं. इसमें विद्यार्थियों को वीडियो लेक्चर, रीडिंग, कम्प्यूटर ग्रेडेड असाइनमेंट, ग्रुप डिस्कशन, पीयर-ग्रेडेड असाइनमेंट तथा क्विज जैसे सेगमेंट शामिल होता हैं. ये इसलिए भी लोकप्रिय है क्योंकि ये आसान और लचीला है. अगर कोई ऑनलाइन लाइव लेक्चर में शामिल नहीं हो सकता तो वो इसे रिकॉर्ड करके बाद में सुन या देख सकता है. असाइनमेंट में समय सीमा का दबाव नहीं होता और ना ही जबरन किया जाता है. विद्यार्थी अपनी पसंद के हिसाब से असाइनमेंट कर सकता है.
साल 2012 से पॉपुलर हैैं ये कोर्स
बता दें कि मॉक्स वैसे तो काफी समय पहले से ही अस्तित्व में था लेकिन साल 2012 के आसपास इसकी लोकप्रियता बढ़ती चली गयी. वैसे तो ये ऑनलाइन कोर्स कॉलेजों और विश्वविद्यालयों द्वारा चलाए जाते थे लेकिन हाल के वर्षों में कोर्टेरा, एडएक्स, उडेसिटी और बायजू जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म काफी पॉपुलर हो रहे हैं.