नयी दिल्ली: कश्मीर को लेकर पाकिस्तान और भारत के बीच बढ़ती तल्खी का असर खेलों में दिखने लगा है. सालों बाद पाकिस्तान में होने वाला डेविस कप मुकाबला अधर में लटक सकता है. क्योंकि बढ़ते राजनयिक तनाव के बीच राष्ट्रीय टेनिस महासंघ खेल की विश्व नियामक ईकाई आईटीएफ से अनुरोध कर सकता है कि वह अगले महीने इस्लामाबाद में होने वाले डेविस कप मुकाबलों का आयोजन किसी तटस्थ स्थान पर करे.
पाकिस्तान ने राजनयिक संबंध कम किए
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 केंद्र सरकार द्वारा हटाये जाने के बाद पाकिस्तान ने बुधवार को भारत के साथ राजनयिक संबंध कम करने का फैसला लिया है. पाकिस्तान में भारत के राजदूत से भी देश छोड़ने को कहा गया है. एआईटीए महासचिव हिरण्यमय चटर्जी ने कहा ,‘इससे मैच पर असर पड़ सकता है. अभी कुछ कहना जल्दबाजी है लेकिन मैं एक दो दिन इंतजार करूंगा. इसके बाद हम अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ से हालात पर गौर करके फैसला लेने का अनुरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर तटस्थ स्थान पर मुकाबला कराने का अनुरोध किया जाएगा.
भारतीय टेनिस खिलाड़ियों की सुरक्षा की चिंता
गौरतलब हैकि डेविस कप मुकाबले 14 और 15 सितंबर को होने हैं. महासंघ ने खिलाड़ियों के लिये वीजा लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. चटर्जी ने कहा ,‘पाकिस्तान वीजा नहीं देता है तो हम वहां कैसे जायेंगे. हो सकता है कि वह वीजा नहीं दे. चटर्जी ने कहा कि, यदि वीजा दे भी देता है तो क्या वे हमें पर्याप्त सुरक्षा दे सकेंगे.’
अगर अनहोनी हुई तो आईटीएफ होगा जिम्मेदार
बता दें कि भारतीय डेविस कप टीम आखिरी बार 1964 में पाकिस्तान गई थी. दोनों देशों के द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध 2008के मुंबई आतंकी हमले के बाद से बंद हैं. चटर्जी ने कहा कि ‘पाकिस्तान ने कई मुकाबले तटस्थ स्थानों पर खेले हैं. हम आईटीएफ से अनुरोध करेंगे क्योंकि हालात काफी नाजुक हैं. हम यह नहीं कहेंगे कि हम पाकिस्तान नहीं जायेंगे. हम वह रास्ता नहीं अपनाना चाहते. चटर्जी ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि टीम का नुकसान हो.’
यह पूछने पर कि आईटीएफ रहीं और आयोजन से इनकार कर दे तो, उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मानदंड हमने नहीं आईटीएफ ने बनाये है. कोई भी अनहोनी होने पर वही जिम्मेदार होगा. यही वजह है कि उसे इस पर गंभीरता से विचार करना होगा.