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बिहार कैबिनेट का फैसला, वाहनों के लिए अब एक लाख में मिलेगा एक अंक वाला नंबर

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को संपन्न हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में कुल 27 एजेंडों को मंजूरी दी गयी. कैबिनेट ने बिहार मोटरगाड़ी नियमावली 1992 के नियम 64 में संशोधन करते हुए निजी या व्यावसायिक वाहनों के लिए पसंदीदा नंबर चाहनेवाले के लिए सरकार ने पारदर्शी व्यवस्था पर […]

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को संपन्न हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में कुल 27 एजेंडों को मंजूरी दी गयी. कैबिनेट ने बिहार मोटरगाड़ी नियमावली 1992 के नियम 64 में संशोधन करते हुए निजी या व्यावसायिक वाहनों के लिए पसंदीदा नंबर चाहनेवाले के लिए सरकार ने पारदर्शी व्यवस्था पर मुहर लगा दी है. अपने वाहनों के लिए पसंदीदा नंबरों की चाहत रखनेवालों को इसके लिए जेब अधिक ढीली करनी पड़ेगी. पसंदीदा नंबर अब नीलामी के माध्यम से प्राप्त किये जायेंगे. इसकी नीलामी की शुरुआत एक लाख रुपये से होगी.

राज्य में मोटरवाहन नियमावली में संशोधन करते हुए नीलामी वाले कुल 641 नंबरों की सूची जारी की गयी है. कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि अब राज्य में कोई भी वाहन मालिक अपने दोपहिया वाहन छोड़कर किसी अन्य वाहनों के लिए पसंदीदा नंबर 0001, 0003, 0005, 0007 व 0009 के लिए नीलामी की दर एक लाख रुपये से शुरू होगी. इन्ही नंबरों को कोई कमर्शियल वाहनों के लिए नीलामी करता है तो इसकी नीलामी की राशि 35 हजार से शुरू होगी. इसी तरह से 0002, 0004, 0006, 0008, 0010, 0011, 0022 जैसे नंबरों के लिए निजी वाहनों के लिए नीलामी की न्यूनतम दर 75 हजार, जबकि कमर्शियल वाहनों के लिए 25 हजार रुपये निर्धारित की गयी है.

वहीं, तीसरी कोटि के नंबर के लिए निजी वाहनों के लिए 50 हजार और कमर्शियल के लिए 20, जबकि चौथी कोटि के नंबरों के लिए निजी वाहनों की नीलामी 25 हजार रुपये से, कमर्शियल वाहनों के नंबरों की नीलामी 15 हजार रुपये से शुरू होगी. किसी व्यक्ति द्वारा इन नंबरों के अलावा अन्य कोई भी पसंदीदा नंबर की मांग करने पर 10 हजार रुपये देने होंगे.

वहीं, कैबिनेट ने मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत हर पंचायत के पांच लाभुकों, जिनमें तीन एससी-एसटी व दो अत्यंत पिछड़ा वर्ग के सदस्यों को ई-रिक्शा खरीद के लिए 50% या अधिकतम 70 हजार रुपये अनुदान दिये जाने पर सहमति दी गयी है. कैबिनेट ने परिवहन विभाग में नियुक्त होनेवाले मोटरयान निरीक्षक (एमवीआइ) की नियुक्ति अब बिहार लोकसेवा आयोग से कराने पर सहमति दी गयी है.

कैबिनेट के अन्य फैसले

– राज्य के अस्पतालों में भर्ती होनेवाले मरीजों को अब पोशाक दी जायेगी. मरीजों को हस्तकरघा के कपड़े दिये जायेंगे, जिस पर 9.5 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
– बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पदों पर भर्ती या चयन प्रक्रिया के प्रावधानों में संशोधन किया गया है. अब मुख्य परीक्षा के आधार पर तैयार होनेवाली मेधा सूची में एससी-एसटी व महिला वर्ग के अभ्यर्थियों की न्यूनतम अंक अर्हता 32%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 34%, पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 36.5% और सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 40% करने पर सहमति दी गयी है.
– कैबिनेट ने बाढ़ पीड़ितों की सहायता देने के लिए 600 करोड़ की राशि का अनुमोदन कर दिया है. वर्तमान में राज्य के 13 जिलों के 19.55 लाख परिवार बाढ़ से पीड़ित हैं. हर परिवार को छह हजार रुपये दिये जाने है. इसका भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से की जायेगी.
– कैबिनेट ने पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत बाघों की सुरक्षा के लिए तीन प्लाटून फोर्स गठित करने पर सहमति दे दी है.
– बिहार कृषि सेवा के तहत निम्न वर्गीय लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर एवं भंडारपाल के पदनाम को सातवें पुनरीक्षित वेतनमान के आलोक में बदलकर निम्न वर्गीय लिपिक करने की स्वीकृति दी गयी है.
– पथ निर्माण विभाग के सहायक अभियंता अमलेश्वर प्रसाद सिंह को भ्रष्ट आचरण के लिए सेवा से बर्खास्त करने की अनुशंसा की गयी है.

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