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पाकिस्तान को पहले ही लग चुकी थी धारा 370 हटाये जाने की भनक ? विदेश मंत्री कुरैशी का पत्र आया सामने

इस्लामाबाद : क्या जम्मू-कश्‍मीर में धारा 370 हटाये जाने की भनक पहले ही पाकिस्तान को लग चुकी थी ? ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र को पिछले हफ्ते एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने आगाह किया था कि भारत जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा […]

इस्लामाबाद : क्या जम्मू-कश्‍मीर में धारा 370 हटाये जाने की भनक पहले ही पाकिस्तान को लग चुकी थी ? ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र को पिछले हफ्ते एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने आगाह किया था कि भारत जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने की “जमीन तैयार” कर रहा है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कुरैशी की तरफ से संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष को एक अगस्त को भेजे गये पत्र के ब्यौरे सोमवार की रात जारी किये.

कुरैशी ने इस पत्र में कश्मीर में मानवाधिकारों की “बिगड़ती” स्थिति पर प्रकाश डाला था और नियंत्रण रेखा के पास संघर्षविराम के उल्लंघन तथा कश्मीर के विशेष संवैधानिक दर्जे को भारत द्वारा खत्म करने का आरोप लगाया था. उन्होंने लिखा कि भारत अपने पहले कदम के तहत अनुच्छेद 35ए को निरस्त करने और फिर अनुच्छेद 370 को खत्म करने के लिए जमीन तैयार कर रहा है.

भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को सोमवार को समाप्त कर दिया. राज्यसभा ने जम्मू कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 को समाप्त करने वाले प्रस्ताव को और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किये जाने के विधेयक को मंजूरी दे दी है. कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर की “जनसांख्यिकी संरचना बदलने” के किसी भी कदम का लगातार विरोध करता रहा है.

उन्होंने कहा कि भारत के ये कदम जम्मू कश्मीर विवाद पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का भी स्पष्ट उल्लंघन हैं खास कर कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार की प्राप्ति के संबंध में. उन्होंने कश्मीर का दौरा कर जमीनी स्थिति के आकलन के लिए “संयुक्त राष्ट्र का एक सत्य अन्वेषण मिशन” स्थापित करने की पाकिस्तान की अपील दोहरायी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विचार में, “अतिरिक्त बलों की तैनाती समेत भारत की तरफ से उठाये गये अन्य कदम संभवत: कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति को और बिगाड़ सकते हैं और साथ ही दक्षिण एशिया में शांति एवं सुरक्षा पर इसके गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं.

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से “गंभीर स्थिति” का तत्काल संज्ञान लेने की अपील की. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को सोमवार को तलब किया और जम्मू कश्मीर पर भारत सरकार की तरफ से, “उठाये गये कदमों एवं घोषणाओं पर कड़ी आपत्ति जतायी.

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