लॉडेरहिल : वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों की टी20 अंतरराष्ट्रीय शृंखला में अजेय बढ़त हासिल करने के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने आखिरी मुकाबले में टीम में बदलाव के संकेत दिये.
रोहित शर्मा के अर्धशतक के बाद कृणाल पांड्या की उम्दा गेंदबाजी से भारत ने वर्षा से प्रभावित दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में रविवार को यहां वेस्टइंडीज को डकवर्थ लुईस पद्धति के तहत 22 से हराकर तीन मैचों की शृंखला में 2-0 की विजयी बढ़त बना ली.
कोहली ने शानदार प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों की तारीफ करते हुए कहा इस ओर इशारा किया कि तीसरे मुकाबले में उन खिलाड़ियों को मौका मिल सकता जिन्हें पहले दो मैचों में अंतिम एकदश में जगह नहीं मिली थी.
कोहली ने मैच के बाद कहा, हमारे लिए जीतना हमेशा एक प्राथमिकता है, लेकिन शृंखला में विजयी बढ़त बनाने से कुछ अन्य खिलाड़ियों को टीम में लाने का मौका मिलता हैं. टीम यहां से गयान जाएगी जहां मंगलवार को शृंखला का तीसरा मुकाबला खेला जाएगा.
तीसरे टी20 में श्रेयस अय्यर और लेग स्पिनर राहुल चाहर को मौका मिल सकता है. राहुल के चचेरे भाई दीपक चाहर को भी अंतिम 11 में जगह मिल जाए तो आश्चर्य नहीं होगा. यह देखाना दिलचस्प होगा किया क्या कोहली विकेटकीपर ऋषभ पंत के साथ बने रहेंगे जिन्होंने दो मैचों में चार और शून्य रन बनाए.
अगर टीम प्रबंधन ने पंत को बाहर करने का फैसला किया तो लोकेश राहुल उनकी जगह ले सकते हैं. दूसरे मैच के बारे में पूछे जाने पर कोहली ने कहा कि शुरुआत में इस पिच पर बल्लेबाजी करना आसान था. उन्होंने कहा, नयी गेंद बल्ले पर आसानी से आ रही थी. हमने अच्छी नींव रखी थी.
रविन्द्र जड़ेजा और कृणाल की पारी से हम 160 से अधिक रन बना पाये. हम जिस तरह बल्लेबाजी कर रहे थे उससे हम 180 से ज्यादा रन बना सकते थे, लेकिन बाद में पिच काफी धीमी हो गयी. भारतीय कप्तान ने दोनों मैचों में गेंदबाजी की शुरुआत करने वाले स्पिनर वाशिंटन सुंदर की तरीफ की.
उन्होंने कहा, नयी गेंद की बात करें तो सुंदर ने बड़े शाट लगाने वाले बल्लेबाजों के खिलाफ कमाल की गेंदबाजी की। वह अब काफी फिट भी है और बल्ले से भी योगदान दे सकता है. वेस्टइंडीज के कप्तान कार्लोस बेथवेट ने कहा कि अगर मैच बारिश के कारण प्रभावित नहीं होता तो उनकी टीम इसे जीत सकती थी.
भारत के 168 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए वेस्टइंडीज ने जब 15.3 ओवर में चार विकेट पर 98 रन बनाए थे जब बारिश के कारण खेल रोकना पड़ा जो दोबारा शुरू नहीं हो पाया.
डकवर्थ लुईस पद्धति के तहत इस समय बराबरी का स्कोर 120 रन था. उन्होंने कहा, हमने ज्यादा गलतियां नहीं कीं. गेंद से हम अच्छी शुरुआत नहीं कर सके लेकिन फिर हमने वापसी की. बल्ले से हमने अच्छी नींव रखी थी और 26 गेंद में 70 रन बना सकते थे.