देवघर : श्रावणी मेले में ट्रैफिक व्यवस्था ने शहर को अस्त-व्यस्त कर दिया है. मंदिर मोड़ के आगे काली मंदिर व पुराना कांटा के समीप तो बीच सड़क पर बसें रोक कर चालक सवारियों को बैठा रहे हैं. यही नहीं, दुखी साह लेन, रघुनाथ रोड में आम लोगों का चलना मुश्किल हो गया है. इन इलाकों में घनी आबादी है.
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अब मत करो बेबस ! कुछ नहीं कर रहे ट्रैफिक अधिकारी, दुखी साह लेन, रघुनाथ रोड में बच्चों को घरों में कैद रखें
देवघर : श्रावणी मेले में ट्रैफिक व्यवस्था ने शहर को अस्त-व्यस्त कर दिया है. मंदिर मोड़ के आगे काली मंदिर व पुराना कांटा के समीप तो बीच सड़क पर बसें रोक कर चालक सवारियों को बैठा रहे हैं. यही नहीं, दुखी साह लेन, रघुनाथ रोड में आम लोगों का चलना मुश्किल हो गया है. इन […]
छोटे बच्चों का स्कूल भी है. इसके बाद भी इन इलाकों को खुल्लम-खुल्ला बस पड़ाव बना दिया गया है. इन इलाकों में बच्चे, बूढ़े सड़कों पर रहते हैं. अगर किसी दिन कोई बड़ी घटना घट जाये, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा.
अब सवाल यह उठता है कि घनी आबादी और स्कूल के आसपास चालकों को बस लगाने की अनुमति किसने दी. अगर बस वाले मनमानी कर रहे हैं, तो पुलिस प्रशासन बाइलेन में बैरियर लगा कर इन्हें रोक क्यों नहीं रहा. पूछे जाने पर देवघर के एसपी कहते हैं-ट्रैफिक वालों को मंदिर मोड़, दुखी साह लेन, रघुनाथ रोड में जाकर फाइन वसूली का आदेश दिया गया है. वसूली भी हुई है, पर बस वाले मान नहीं रहे हैं.
दुखी साह लेन : स्कूल के पास बना दिया पड़ाव
यहां के चौराहे को तो पूरी तरह से बस पड़ाव बना दिया गया है. हर वक्त छह से सात बसें खड़ी रहती हैं. यहां बच्चों का स्कूल भी है. बच्चे और अभिभावक डरे-सहमे रहते हैं. यह इलाका काफी छोटा है. बसों के यहां लगने से ऑटो का परिचालन भी बढ़ गया है.
गुरुवार को इन बसों के कारण चौराहे पर कई बार जाम की स्थिति बनी रही. यहां बसों में ओवरलोड सवारियां भरी जाती हैं. बस की छत पर भी कई सवारी बैठाये जा रहे हैं. पर देखने-सुननेवाला कोई नहीं.
मंदिर मोड़ : बीच सड़क पर खड़ी रहती हैं बसें
मंदिर मोड़ के पास तो बसें 15 से 20 मिनट तक बीच सड़क पर रुकी रहती हैं. अगर कोई व्यक्ति चालक या खलासी से बीच सड़क पर ही यात्री बैठाने के बारे में पूछता है, तो उनलोगों का सीधा जवाब रहता है : ट्रैफिक डीएसपी ने आदेश दे रखा है. इसी मार्ग से रोजाना ट्रैफिक सह यातायात डीएसपी आना-जाना करते हैं.
इसके बावजूद बीच सड़क पर बस खड़ी कर यात्री बैठाने पर उनकी नजर नहीं पहुंच पाती है. ट्रैफिक जिला घोषित देवघर में पदाधिकारियों के बीच कैसा समन्वय है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है सभी अपने अपने स्तर से आदेश जारी कर रहे हैं.
रघुनाथ रोड : घरों के दरवाजे भी कर दिये जाम
यहां एक अपार्टमेंट के दोनों ओर कतारबद्ध बसें खड़ी रहती हैं. लोगों ने भयवश बच्चों को घरों में कैद कर दिया है. गुरुवार को एक अपार्टमेंट के गेट के ठीक सामने चालक ने बस रोक दी. करीब घंटे भर तक अपार्टमेंट का गेट जाम रखा. पूछने पर बताया गया कि बस खराब हो गयी है. अपार्टमेंट में रहनेवाले अपनी गाड़ी लेकर अंदर और बाहर घंटों इंतजार करते रहे. एक व्यक्ति ने मोबाइल से बस की तस्वीर ली, तो कुछ लोग गुस्से में वहां पहुंचे और उसके साथ बदतमीजी की.
डीसी साहेब! क्या हुआ आपके आदेश का
29 जुलाई को प्रभात खबर ने शहर में बिगड़ी यातायात व्यवस्था की खबर प्रकाशित की थी. अब इसे संयोग कहें या कुछ और उसी दिन जिला प्रशासन ने भी अवैध रूप से गलियों में वाहनों के पड़ाव को रोकने के लिए लोहे की बेरिकेडिंग करने की बात कही थी. लेकिन, आदेश के तीन दिनों बाद भी न ही स्थायी बेरिकेडिंग हो सकी और न ही बसवालों की मनमानी पर रोक लग सकी.
सिस्टम पर उठ रहे हैं सवाल – क्यों नहीं लगा लोहे का बैरियर
इन मुहल्लों के प्रवेश व निकास मार्ग पर लोहे का बैरियर लगाकर जाम करने का निर्णय यातायात पुलिस की बैठक में लिया गया था, ताकि बड़े वाहन प्रवेश न कर सकें. पर नहीं लगा. उपायुक्त ने इसके लिए दोबारा आदेश जारी किया, पर ट्रैफिक वालों ने पालन नहीं किया.
फिर कांवरियों की गाड़ी क्यों रोकी जा रही
सवाल यह भी उठ रहे हैं कि अगर गली-मुहल्लों को ही बस पड़ाव बनाना है, तो कांवरियों की गाड़ी 10 किमी दूर कोठिया व दर्दमारा परित्राण मेडिकल कॉलेज के पास ही क्यों रोकवा दी जा रही है. इन बसों की तरह उन्हें भी शहर में प्रवेश की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही.
क्या कर रहे ट्रैफिक ओपी-6 के अधिकारी
मंदिर मोड़ सहित दुखी साह लेन व रघुनाथ रोड ट्रैफिक ओपी-6 के एरिया में पड़ता है. फिर भी कभी ट्रैफिक ओपी-6 के अधिकारी अवैध बसों की पार्किंग हटाने नहीं पहुंचते हैं. न ही इनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की जा रही है. इससे लोगों के बीच कार्यशैली को लेकर सवाल उठ रहे हैं.
क्या पुलिस-प्रशासन से भी ताकतवर बसवाले
अवैध बस पड़ाव व पार्किंग की जानकारी पुलिस के आलाधिकारियों को भी है. एसपी खुद कहते हैं कि ट्रैफिक वालों को मंदिर मोड़, दुखी साह लेन, रघुनाथ रोड में जाकर फाइन वसूली का आदेश दिये हैं. फाइन वसूली हुई भी है, फिर ये बस वाले नहीं मान रहे. क्या बस वालों के आगे पुलिस प्रशासन बेबस है.
क्या कहते हैं एसपी
मंदिर मोड़ के आगे काली मंदिर व पुराना कांटा के समीप दो मिनट के लिए रोककर दो-दो बसों को यात्री बैठाने का आदेश वापस ले लिये गये हैं. ट्रैफिक वालों को मंदिर मोड़, दुखी साह लेन, रघुनाथ रोड में जाकर फाइन वसूली का आदेश दिये हैं. बुधवार को फाइन वसूली हुई भी है, फिर ये बस वाले नहीं मान रहे. नरेंद्र कुमार सिंह, एसपी देवघर
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