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PMLA मामले में रेलिगेयर के पूर्व प्रमोटर्स सिंह बंधुओं और अधिकारियों के ठिकानों पर ईडी के छापे

नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन निवारण कानून से जुड़े एक मामले में रेलिगेयर के पूर्व प्रवर्तकों मलविंदर मोहन सिंह और शिविंदर मोहन सिंह समेत अन्य के ठिकानों पर गुरुवार को छापेमारी की. ईडी के अधिकारियों ने कहा कि सिंह बधुओं, रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) के पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) सुनिल […]

नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन निवारण कानून से जुड़े एक मामले में रेलिगेयर के पूर्व प्रवर्तकों मलविंदर मोहन सिंह और शिविंदर मोहन सिंह समेत अन्य के ठिकानों पर गुरुवार को छापेमारी की. ईडी के अधिकारियों ने कहा कि सिंह बधुओं, रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) के पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) सुनिल गोधवानी , आरईएल के कार्यकारी अधिकारी एनके घोषाल और हेंमत ढींगरा से जुड़े सात ठिकानों पर छापेमारी की गयी.

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दरअसल, एजेंसी की ओर से प्रवर्तन मामला जांच रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज करने के बाद यह कार्रवाई की गयी है. ईसीआईआर पुलिस प्राथमिकी के समान होती है. पिछले साल दिसंबर में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं में ईसीआईआर दर्ज की गयी थी.

आरईएल की अनुषंगी कंपनी रेलिगेयर फिनवेस्ट (आरएफएल) ने आर्थिक अपराध शाखा में 740 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता और धोखाधड़ी के आरोपों में शिकायत दर्ज करायी थी. शिकायत में सिंह बंधुओं समेत अन्य लोगों का नाम था. सिंह बंधुओं ने समूह की दिक्कतों के लिए गोधवानी को जिम्मेदार ठहराया था. सिंह बंधुओं के पास फरवरी, 2018 तक रेलिगेयर एंटरप्राइजेज का नियंत्रण था. फरवरी 2018 में दोनों के कंपनी के निदेशक मंडल से अलग होने के बाद आरईएल और आरएफएल के निदेशक मंडल का पुनर्गठन किया गया था.

अधिकारियों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में 2,397 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की कथित हेराफेरी की जांच कर रहा है. साथ ही, आर्क फाइनेंस लिमिटेड और आरएचसी लिमिटेड जैसी कंपनियों की भी जांच कर रही है. सिंह बंधु फोर्टिस और रैनबैक्सी के भी पूर्व प्रवर्तक रह चुके हैं. फोर्टिस हेल्थकेयर में कथित वित्तीय हेराफेरी को लेकर दोनों भाइयों के संबंधों में खठास आ गयी.

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