14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर विशेष : प्रेमचंद का साहित्य तो हिंदी साहित्य का क, ख, ग है…रचनाएं समाज को चुनौती देती हैं

प्रेमचंद ऐसे लेखक हैं, जिनकी लिखी कहानियां और उपन्यास हिंदी और उर्दू जानने – पढ़ने वाले हर व्यक्ति ने कभी न कभी जरूर पढ़ा होगा. प्रेमचंद को क्यों पढ़ें? यह सवाल प्रेमचंद के रहते और उनके गुजर जाने के बाद भी उठता रहा है. लेकिन प्रेमचंद का साहित्य अपनी सामाजिकता की वजह से, अपने जमीनी […]

प्रेमचंद ऐसे लेखक हैं, जिनकी लिखी कहानियां और उपन्यास हिंदी और उर्दू जानने – पढ़ने वाले हर व्यक्ति ने कभी न कभी जरूर पढ़ा होगा. प्रेमचंद को क्यों पढ़ें? यह सवाल प्रेमचंद के रहते और उनके गुजर जाने के बाद भी उठता रहा है. लेकिन प्रेमचंद का साहित्य अपनी सामाजिकता की वजह से, अपने जमीनी विषयों की वजह से पढ़ा जाता रहा है, पढ़ा जाता रहेगा. उन्हें भारतीय गांवों को समझने के लिए पढ़ना जरूरी है, उन्हें भारतीय समाज को जानने के लिए पढ़ना जरूरी है.
प्रेमचंद के जन्म के 139 साल बीत जाने पर भी जो एक कथाकार पाठकों में सबसे लोकप्रिय है, तो वह प्रेमचंद हैं! उनके अलावा शायद किसी लेखक को यह सौभाग्य प्राप्त हो कि उसकी किताबों के पन्नों पर हल्दी लगी उंगलियों की छाप भी हो और कत्थे का दाग भी. हमने कुछ प्रकाशन समूह के प्रमुख से बात की तो उन्होंने इसकी तस्दीक करते हुए कहा कि बिना प्रेमचंद को पढ़े हिंदी साहित्य को जानना अधूरा है. यही कारण है कि उनकी कुल प्रकाशकीय सामग्री का बड़ा हिस्सा प्रेमचंद का ही साहित्य है.
प्रेमचंद का साहित्य तो हिंदी साहित्य का क, ख, ग है…
रचनाएं समाज को चुनौती देती हैं
अदिति माहेश्वरी
कार्यकारी निदेशक,
वाणी प्रकाशन
प्रेमचंद का साहित्य हिंदी साहित्य का क, ख, ग है. जैसे रामचरितमानस की उपयोगिता है वैसे ही प्रेमचंद का साहित्य है. मात्र साक्षर ही नहीं दुनिया भर के कथा संसार में भ्रमण करने वाले भी लौट-लौट कर प्रेमचंद की ओर आते हैं. कक्षाओं में बगैर अपवाद के साल दर साल अगर किसी एक लेखक को पढ़ने वालों की तादाद सबसे अधिक होती है तो वह प्रेमचंद हैं. यही कारण है कि वाणी से हमने उनका खूब साहित्य प्रकाशित किया है, कर रहे हैं और लगातार करते रहेंगे.
यह ठीक है कि बचपन से ही स्कूल की लगभग हर कक्षा में उनका कुछ न कुछ पढ़ते हुए बड़े होने वाले लोगों का प्रेमचंद से अपरिचित होना मुमकिन नहीं लेकिन आप हर ओर युवाओं को आत्मीयता के साथ प्रेमचंद के बारे में बातें करते सुन सकते हैं. हमेशा लेखक को ही खुद को साबित नहीं करना होता है, कुछ लेखक ऐसे होते हैं जो समाज को चुनौती देते रहते हैं कि वह उनकी बनायी कसौटी पर खुद को साबित करे. प्रेमचंद ने यही किया, इसी कारण वे सर्वकालिक हैं.
युवाओं के भी पसंदीदा लेखक हैं प्रेमचंद
प्रेमचंद की लिखी कहानियां आज भी दिल के करीब हैं. जब भी मौका मिलता है मैं इन्हें पढ़ना पसंद करती हूं. इन्हें पढ़ते समय लगता है कि सब कुछ मेरी नजर के सामने से गुजर रहा है.
-आयुषी घोषाल
प्रेमचंद की कहानी पढ़ता रहा हूं. इनकी कहानी पर लिखे नाटकों में भी एक्टिंग की है. उनकी लेखनी का कायल हूं. बहुत से दूसरे लेखकों को पढ़ा लेकिन जो बात प्रेमचंद में हैं वह किसी दूसरे में नहीं.
-रणविजय

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें