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चान्हो : लखन महतो की आत्महत्या को नशापान से जोड़ना शर्मनाक
पतरातू गांव में हुई ग्रामीणों की बैठक, कहा चान्हो : पतरातू गांव में ग्रामीणों ने बैठक कर किसान लखन महतो की आत्महत्या मामले को प्रशासन द्वारा नशापान से जोड़ने के प्रयास को शर्मनाक बताया है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन अपनी गलती छुपाने के लिए जानबूझ कर इसे नशापान से जोड़कर लखन महतो की […]
पतरातू गांव में हुई ग्रामीणों की बैठक, कहा
चान्हो : पतरातू गांव में ग्रामीणों ने बैठक कर किसान लखन महतो की आत्महत्या मामले को प्रशासन द्वारा नशापान से जोड़ने के प्रयास को शर्मनाक बताया है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन अपनी गलती छुपाने के लिए जानबूझ कर इसे नशापान से जोड़कर लखन महतो की आत्महत्या मामले को दूसरा रूप देने का प्रयास कर रहा है.
अमरनाथ कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि लखन महतो 26 जुलाई को सुबह करीब पांच बजे घर से निकला था. वैसे में अपनी बारी (खेत) तक जाने के रास्ते में उसने सुबह ही कहां शराब पी, इसका खुलासा प्रशासन को करना चाहिए. साथ ही जैसा कि प्रशासन की ओर से कहा जा रहा है कि घटना की जांच के क्रम में परिजनों से उन्हें जानकारी मिली है कि लखन महतो नशापान करता था. तो किस परिजन ने यह जानकारी उन्हें दी है, प्रशासन को उनका नाम भी सार्वजनिक करना चाहिए.
पूर्व मंत्री ने की प्रशासन के रवैये की निंदा
इधर पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने भी लखन महतो की मौत के मामले में प्रशासन के रवैये की निंदा की है. उन्होंने कहा है कि अपनी गर्दन बचाने के लिए प्रखंड के अधिकारी इसे दूसरा मोड़ देने का प्रयास कर रहे हैं. अभी लखन महतो की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं आयी है और घटना को नशापान से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. जिससे स्पष्ट है कि लखन महतो ने सरकारी उपेक्षा के कारण आत्महत्या की है. जांच तो इस बात की होनी चाहिए कि आखिर क्या कारण था कि कुएं का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद भी बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया था. इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं.
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