बेंगलुरूः सियासी सरगर्मी को झेल रहे कर्नाटक राज्य से बड़ी खबर सामने आई है. कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के रमेश कुमार ने रविवार को 11 और बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया. अब तक 14 बागी विधायक अयोग्य घोषित हुए. इससे पहले स्पीकर ने तीन बागी विधायकों को गुरुवार को अयोग्य घोषित किया था. अयोग्य विधाय़कों में 11 कांग्रेस के और तीन जेडीएस के विधायक शामिल हैं.
वहीं, सरकार बनाने के बाद भाजपा ने विधानसभा रमेश को स्पीकर पद छोड़ने के लिए कह दिया है. अगर रमेश मर्जी से पद नहीं छोड़ते हैं तो भाजपा उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है. बता दें, बीएस येदियुरप्पा ने पिछले ही सप्ताह राज्य में नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है. उन्हें 29 जुलाई को बहुमत साबित करना है.
रविवार को स्पीकर रमेश कुमार ने विधायकों की सदस्यता को रद्द करने का ऐलान किया. फैसले के बाद उन्होंने कहा कि मैंने कोई चालाकी या ड्रामा नहीं किया, बल्कि सौम्य तरीके से फैसला लिया है.कहा कि , ‘येदियुरप्पा ने मुझसे कहा है कि सोमवार को अपनी देखरेख में विश्वास मत कराएं.
फाइनेंस बिल भी 31 जुलाई को पास होना है, इसलिए मैं सभी विधायकों से विश्वास मत प्रस्ताव के दौरान मौजूद रहने की अपील करता हूं. हम कहां पहुंच चुके हैं? मुझे स्पीकर के नाते मौजूदा हालात में काफी दबाव का सामना करना पड़ रहा है. इन सब चीजों ने मुझे तनाव के समंदर में धकेल दिया है.
ये हुए अयोग्य
कांग्रेस के बैराठी बसवराज, मुनिरत्न, एसटी सोमशेखर, रोशन बेग, आनंद सिंह, एमटीबी नागराज, बीसी पाटिल, प्रताप गौड़ा पाटिल, डॉ. सुधाकर, शिवराम हेब्बार, श्रीमंत पाटिल को अयोग्य करार दिया. इसके अलावा जेडीएस के तीन बागी विधायकों के. गोपालैया, नारायण गौड़ा, ए एच विश्वनाथ को अयोग्य करार दिया गया.
गौरतलब है कि विधानसभा का कार्यकाल 2023 तक है. इसका मतलब है कि तब तक अयोग्य विधायक विधानसभा का उपचुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे.