रियो डी जिनेरियो : भारत ने आर्थिक भगोड़े अपराधियों को वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बताते हुए ब्रिक्स देशों से ऐसे अपराधियों के खिलाफ मिलकर काम करते रहने का अनुरोध किया. यहां ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की एक बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग (राज्य) मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह ने शुक्रवार को यह भी कहा कि आतंकवाद के मुद्दे का हल निकालने के लिए ब्रिक्स देशों को साझा रवैया विकसित करना चाहिए. उन्होंने सूचनाएं और श्रेष्ठ तरीके साझा करने तथा क्षमता निर्माण में सहयोग की मजबूत प्रणाली को लेकर समन्वयित प्रयास किये जाने की भी वकालत की.
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उन्होंने कहा कि हमें और ब्रिक्स के सदस्यों को आर्थिक अपराधियों एवं भगोड़ों के खिलाफ मिलकर काम करते रहने की जरूरत है, क्योंकि ये वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए गंभीर खतरा हैं. उन्होंने ब्यूनस एयर्स में पिछले साल जी20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत सुझावों का भी जिक्र किया. मोदी ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों के मुद्दे के समाधान के लिए नौ सूत्रीय एजेंडा रखा था. नौ सूत्रीय एजेंडे में सक्रिय अंतराष्ट्रीय सहयोग, कानूनी कार्रवाई में सहयोग, प्रत्यर्पण, सूचनाओं का आदान प्रदान, ऐसे अपराधियों के प्रवेश और पनाहगाह पर रोक की बात शामिल है.
सिंह ने कहा कि ब्रिक्स देशों के बीच आतंकवाद-रोधी तालमेल को भारत बड़ा महत्व देता है. उन्होंने सदस्य देशों से आतंकवाद को लेकर वैश्विक सम्मेलन की भारत की पहल का समर्थन करने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि इस तरह के वैश्विक सम्मेलन को ब्रिक्स का समर्थन एक ठोस अंतरराष्ट्रीय कानूनी आधार पर आतंकवाद को रोकने की सोच को लेकर हमारी प्रतिबद्धता को दर्शायेगा. इससे अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर विस्तृत संधि जल्द कराने के हमारे प्रयासों को भी गति मिल सकती है.
सिंह ने कहा कि वैश्विक आर्थिक एवं राजनीतिक संरचना को तैयार करने में ब्रिक्स की भूमिका लगातार बढ़ रही है और महत्वपूर्ण है. गौरतलब है कि भारत भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या और आभूषण कारोबारी नीरव मोदी को ब्रिटेन और हीरा कारोबार मेहुल चोकसी को एंटीगुआ से कानूनी तरीके से वापस लाने का प्रयास कर रही है.