मेसरा : बूटी गांव के ग्रामीणों ने श्रमदान से बेकार बहने वाले पानी को न सिर्फ खेतों तक पहुंचाया बल्कि जल संरक्षण के क्षेत्र में भी मिसाल पेश की है. मुखिया जुगुन मुंडा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने बूटी पीएचइडी जल शोधन प्लांट से बेकार बहने वाले पानी को बूटी गांव में रोकने के लिए बांध बनाया.
श्रमदान से बनाया बांध, खेतों की होगी सिंचाई
मेसरा : बूटी गांव के ग्रामीणों ने श्रमदान से बेकार बहने वाले पानी को न सिर्फ खेतों तक पहुंचाया बल्कि जल संरक्षण के क्षेत्र में भी मिसाल पेश की है. मुखिया जुगुन मुंडा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने बूटी पीएचइडी जल शोधन प्लांट से बेकार बहने वाले पानी को बूटी गांव में रोकने के लिए […]
इसके बाद कैनाल बना कर इस पानी को खेतों तक पहुंचाया. इस कार्य में ग्रामीणों को करीब एक सप्ताह लगा. मुखिया ने बताया कि ग्रामीणों ने चंदा कर भाड़े पर जेसीबी मशीन मंगवायी. उससे मिट्टी की कटाई करायी व खुद भी श्रमदान किया.
अब जल शोधन प्लांट से बेकार बहने वाले पानी से खेत सिंचित होंगे. 300 एकड़ से ज्यादा भूमि सिंचित होगी : मुखिया के अनुसार बूटी गांव में बनाये गये बांध से बूटी ऊपर टोला, पाहन टोला, महतो टोला, ढांप टोली, नायक टोला, किशुनपुर, खिजुरटोला, ओहदार टोला व महतो टोला की लगभग 300 एकड़ भूमि सिंचित होगी. बांध से निकाले गये कैनाल के माध्यम से इन गांवों के खेतों तक पानी पहुंचेगा.
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