मानसून सत्र के आखिरी दिन, विरोध, नारेबाजी, इस्तीफा
रांची : विधानसभा मानसून सत्र के आखिरी दिन हंगामा, नारेबाजी और इस्तीफा के साथ- साथ शून्य काल और ध्याणाकर्षण चला. पांच दिनों तक मानसून सत्र में चार विधेयक पास हु. आखिरी दिन कोई विधेयक नहीं था. मानसून सत्र के आखिरी दिन विधानसभा दो बार स्थगित हुआ, दोपहर 2 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई […]
रांची : विधानसभा मानसून सत्र के आखिरी दिन हंगामा, नारेबाजी और इस्तीफा के साथ- साथ शून्य काल और ध्याणाकर्षण चला. पांच दिनों तक मानसून सत्र में चार विधेयक पास हु. आखिरी दिन कोई विधेयक नहीं था. मानसून सत्र के आखिरी दिन विधानसभा दो बार स्थगित हुआ, दोपहर 2 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई ,तो सुचारु रूप से चली.
कार्यवाही की शुरुआत में ही विपक्षी पार्टियों ने विधानसभा में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने सरकार से घोटालों के जांच की मांग की. सोरेन ने कहा, बहुचर्चित कंबल घोटाला, धान खरीद घोटाला और डोभा घोटाले की रिपोर्ट के बारे में सरकार चुप बैठी है.
पारा शिक्षकों को राहत
पहली पाली में पारा शिक्षकों को हटाए जाने का मामला गरमाया रहा. छतरपुर विधायक राधा कृष्ण किशोर ने लगभग 450 पारा शिक्षकों को हटाए जाने के मामले पर कहा कि पलामू जिले में वैध और अवैध पारा शिक्षकों की जांच के बाद उन्हें हटाया गया. इस मामले को उठाते हुए राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि 450 लोगों के भविष्य का सवाल है. विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने कहा कि विधानसभा की तरफ से एक समिति बनी है. समिति सितंबर माह तक अपनी जांच रिपोर्ट देगी. स्पीकर ने कहा, पारा शिक्षक कार्यरत रहेंगे. उन पर कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी.
जनप्रतिनिधि हैं हमारी सदन नहीं सुनेगा तो सदन में रहकर क्या करेंगे
हुसैनाबाद से बसपा विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने लंबे समय से बंद पड़ी जपला सीमेंट फैक्ट्री को दोबारा चालू करने की मांग की. उनके इस प्रस्ताव पर सरकार की तरफ से जवाब देते हुए, मंत्री सीपी सिंह ने कहा, हम उस फैक्ट्री को दोबारा शुरू करना चाहते हैं. हम निवेशक की तलाश कर रहे हैं आप जानते हैं कि सरकार ने यह फैसला लिया है कि वह कोई कारोबार नहीं करेगी. स्पीकर ने कुशवाहा शिवपूजन के प्रस्ताव पर वोटिंग करायी, जिसमें उनका प्रस्ताव अस्वीकृत हो गया. स्पीकर ने कुशवाहा शिवपूजन मेहता से कहा कि जनप्रतिनिधि को भावना में नहीं बहना चाहिए. सीपी सिंह के जवाब में शिवपूजन ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार तो शराब भी बेच चुकी है फिर जपला सीमेंट फैक्ट्री क्यों नहीं चला सकती?
इस जवाब पर शिवपूजन ने कहा, मुझे समझ नहीं आता है मैं इस जवाब पर रोऊं या क्या करूं. मैं इस जवाब से संतुष्ट नहीं है. मुख्यमंत्री ने पिछली बार मेरा अनशन तोड़ते हुए कहा था कि हम फैक्ट्री जल्द शुरू करेंगे. मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी यह काम नहीं हुआ. सदन में हम जनता की आवाज हैं अगर यह नहीं सुनी जायेगी तो सदन में रहने का क्या अर्थ. यह कहते हुए उन्होंने अपना इस्तीफा स्पीकर को सौंपा और सदन से बाहर आने लगे.
हेमंत सोरेन सहित दूसरे विधायकों के आग्रह के बाद वह दोबारा सदन में लौटे लेकिन थोड़ी देर बाद सदन से बाहर निकल गये. बाहर निकलकर उन्होंने मीडिया से दूरी बनाये रखी फिर बाद में नम आंखों के साथ मीडिया के सामने आये. सदन में कही बात दोहरायी उन्होंने कहा, अब याचना नहीं रण होगा.