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गुमला : नगर सिसकारी गांव नरसंहार, अंधविश्वास पैदा करनी वाली भगताईन गिरफ्तार

दुर्जय पासवान, गुमला सिसई थाना के नगर सिसकारी गांव में चार लोगों की हत्या की सूत्रधार भगताईन सुशीला नायक (26 वर्ष) को मंगलवार की सुबह बुड़मू थाना के मुरकिरी के मधनईया टांड़ स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने भगताईन को गिरफ्तार कर सिसई थाना लाकर पूछताछ की है. गुमला पुलिस […]

दुर्जय पासवान, गुमला

सिसई थाना के नगर सिसकारी गांव में चार लोगों की हत्या की सूत्रधार भगताईन सुशीला नायक (26 वर्ष) को मंगलवार की सुबह बुड़मू थाना के मुरकिरी के मधनईया टांड़ स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने भगताईन को गिरफ्तार कर सिसई थाना लाकर पूछताछ की है. गुमला पुलिस द्वारा अंधविश्वास में घटी घटना में पहली बार त्वरित कार्रवाई करते हुए किसी भगताईन को गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस अधिकारी के अनुसार भगताईन से पूछताछ करने के बाद उसे मंगलवार को गुमला कोर्ट में प्रस्तुत किया गया. जहां से उसे जेल भेज दिया गया. वहीं हत्या में शामिल अन्य आठ आरोपी, जिनकी गिरफ्तारी सोमवार को हुई थी. उन लोगों को भी भगताईन के साथ जेल भेजा गया. यहां बता दें कि नगर सिसकारी गांव में 21 जुलाई की रात को ग्रामीणों ने अंधविश्वास में आकर चापा उरांव, पीरी देवी, सुना उरांव व फगनी देवी की निर्मम हत्या कर दी थी.

इस मामले में पुलिस ने 16 लोगों को नामजद आरोपी बनाया है. जिसमें अबतक नौ आरोपी को गिरफ्तार कर पुलिस जेल भेज चुकी है. जबकि अभी भी नामजद सात आरोपी फरार हैं. वहीं 50 से अधिक अज्ञात लोगों की भी पुलिस पहचान करने में लगी है. जानकारी के अनुसार पहान सुकरा उरांव द्वारा रचे गये षडयंत्र व भगताईन के कहने पर अंधविश्वासी हुए लोगों ने चारों वृद्धों की हत्या की थी.

अंधविश्वास में आकर नरसंहार किया, अब पुलिस से बचने के लिए छुप रहे ग्रामीण

नगर सिसकारी गांव में ग्रामीणों ने अंधविश्वास में आकर चार वृद्धों की हत्‍या कर दी. अब इस नरसंहार में शामिल सभी आरोपी पुलिस से बचने के लिए छुपते फिर रहे हैं. प्रभात खबर ने घटना के तीसरे दिन गांव जाकर पड़ताल की. गांव के अधिकांश घरों में ताला लटका हुआ है. जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज है. इसमें कई लोग पूरे परिवार के साथ दूसरे स्थान पर छुप गये हैं.

गांव के अधिकांश पुरुष दिन भर जंगल व पहाड़ में छिपकर रह रहे हैं. या फिर अपने खेतों में काम करते नजर आये. रात होने के बाद पुरुष वर्ग अपने घर आते हैं. इधर, गांव के माहौल को देखते हुए पुलिस गांव में कैंप कर रही है. गांव की हर गतिविधि पर चर्चा की जा रही है. मंगलवार को एसपी अभियान बीके मिश्रा व एसडीपीओ नागेंद्र प्रसाद सिंह पुलिस बल के साथ गांव पहुंचे और गांव की स्थिति की जानकारी ली. एएसपी ने सिसकारी गांव में तैनात पुलिस पदाधिकारी व पुलिस जवानों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया.

उन्होंने कहा कि जो दोषी हैं. उसपर कार्रवाई होगी. एसडीपीओ ने कहा कि गांव वालों को भागने की जरूरत नहीं है. निर्दोष को परेशान नहीं किया जायेगा. इधर, सिसकारी गांव में सामूहिक हत्या की घटना के बाद थाना प्रभारी सुधीर प्रसाद साहू को एसपी ने लाईन हाजिर कर दिया है. थानेदार को लाइन हाजिर किये जाने पर जिप अध्यक्ष किरण माला बाड़ा ने कहा है कि काम करने वाला थाना प्रभारी को गलत आरोप लगाकर हटाया गया है.

घटना की जानकारी के बाद थाना प्रभारी तुरंत गांव पहुंच गये थे. समाज सेवी दामोदर सिंह ने कहा गांव में ग्रामीणों की दो दिनों से बैठक हो रही थी. जिसकी भनक ग्रामीणों के अलावा किसी को नहीं थी. मुझे हत्या के बाद पांच बजे माड़वारी उरांव ने जानकारी दी, तो मैंने थाना प्रभारी को जानकारी दी. थाना प्रभारी तुरंत घटना स्थल पहुंच गये थे.

नौ अगस्त को जागरूकता कार्यक्रम होगा

सिसकारी गांव में चार हत्या की जानकारी के बाद मानव शास्त्री डॉक्टर करमा उरांव, पूर्व डीएसपी दिनेश उरांव, पूर्व डीएसपी जीता उरांव, सच्चिदानंद उरांव, सुखदेव उरांव, जीता भगत सिसकारी गांव पहुंचे. हत्या के कारणों की जानकारी ली. करमा उरांव ने कहा कि आदिवासी समाज में डायन बिसाही जैसी अंधविश्वास जकड़ा हुआ है. समाज के लोगों को सामाजिक व्यवस्था के तहत काम करना चाहिए. किसी को भी कानून हाथ में लेने की जरूरत नहीं है. सामाजिक कुरीति को लेकर समाज को जागरुक किया जायगा. इसके लिए नौ अगस्त को सिसई मे जागरुकता सभा किया जायेगा.

दोबारा घट सकती है घटना, पुलिस को रहना होगा चौकस

सिसई प्रखंड के नगर सिसकारी गांव में दोबारा घटना घट सकती है. क्योंकि अभी भी गांव का माहौल गरम है. जिन लोगों पर केस दर्ज हुआ है और जेल भेजा गया है. उनके परिजन गुस्‍से में है. खासकर महिलाएं ज्यादा आक्रोशित हैं. इसलिए गांव में खून-खराबा की आशंका बनी है. इसे रोकने के लिए पुलिस को चौकस रहने की जरूरत है. क्योंकि पुलिस की थोड़ी से चूक पुन: किसी बड़ी घटना का कारण बन सकती है.

जानकारी के अनुसार मंगलवार को नगर सिसकारी गांव से एक किमी की दूरी पर पेड़ के नीचे गांव की महिलाओं ने बैठक की है. इस बैठक में महिलाएं आपस में ही उलझती रहीं. कारण, पुलिस ने नरसंहार में आठ लोगों को पकड़कर जेल भेजा है. वहीं अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए खोज रही है. इसपर महिलाओं ने कहा है कि हत्या में पूरा गांव शामिल था. लेकिन यहां कुछ लोगों पर ही केस दर्ज हुआ है. सभी लोगों पर हत्या का केस दर्ज होना था.

महिलाएं उग्र थीं. बैठक के दौरान कुछ महिलाएं आपस में उलझ गयी. जिससे माहौल बिगड़ते-बिगड़ते बचा. इधर, कुछ लोगों ने बैठक में पहुंचकर सूचना दी कि गांव में पुलिस फोर्स घुस रही है और बैठक में भी पुलिस आने वाली है. यह सुनते ही बैठक छोड़कर महिलाएं भाग गयी. इधर, कुछ देर के लिए पुन: हवा उड़ गयी कि गांव की महिलाएं बैठक कर किसी महिला की पीट-पीटकर हत्या करने की तैयारी में है. इस सूचना के बाद गांव के कुछ समाजसेवी भी हरकत में आये और पुलिस के पहुंचने की सूचना पर महिलाओं द्वारा किसी की हत्या करने की योजना फेल हो गयी.

घटना के दिन पशु तस्करों को पकड़ने में लगे थे थानेदार

प्रभात खबर की पड़ताल व कुछ लोगों से बातचीत में पता चला है कि जिस दिन नगर सिसकारी गांव में अंधविश्वासी ग्रामीण नरसंहार की घटना को अंजाम दे रहे थे. उस दिन सिसई थानेदार नागफेनी में थे. पुलिस को सूचना मिली थी कि नागफेनी से होकर भारी मात्रा में पशुओं की तस्करी होने वाली है. इस सूचना पर थानेदार अपनी पुलिस टीम के साथ सिसई से गश्ती करते हुए नागफेनी पहुंचे थे.

इस दौरान थानेदार को नगर सिसकारी गांव से किसी व्यक्ति ने दो फोन कॉल किया था. जिसमें एक कॉल नोट रिचएबल बताया. जबकि दूसरे कॉल में थानेदार के मोबाइल पर घंटी बजी थी. लेकिन थानेदार ने फोन रिसीव नहीं किया. एक अधिकारी ने बताया कि थानेदार एक पशु तस्करी रोकने व पशुओं को पकड़ने में लगे हुए थे. इस कारण उन्होंने फोन नहीं उठाया. बाद में जब थाना प्रभारी को तीसरा कॉल आया तो उन्होंने फोन उठाया. तबतक गांव में नरसंहार की घटना घट चुकी थी.

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