पूर्णिया : अगले महीने सुब्रतो मुखर्जी प्रतियोगिता का आयोजन होना तय है. यहां एकलव्य सेंटर के खिलाड़ियों की मनोदशा यह है कि बिना कोच के ही खिलाड़ी अभ्यास कर रहे हैं. खिलाड़ियों की चिंता इस बात को लेकर है कि प्रतियोगिता के लिए खेल की तकनीक और इसके दांव-पेंच की जानकारी जो उन्हें मिलनी चाहिए, उससे वे वंचित हो रहे हैं. आलम यह है कि पेशेवर कोच के जरिये जो अभ्यास होता है वह अभी नहीं मिल रहा है. खिलाड़ी जैसे-तैसे अभ्यास कर रहे हैं.
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एकलव्य सेंटर में बिना कोच के ही खिलाड़ी कर रहे अभ्यास
पूर्णिया : अगले महीने सुब्रतो मुखर्जी प्रतियोगिता का आयोजन होना तय है. यहां एकलव्य सेंटर के खिलाड़ियों की मनोदशा यह है कि बिना कोच के ही खिलाड़ी अभ्यास कर रहे हैं. खिलाड़ियों की चिंता इस बात को लेकर है कि प्रतियोगिता के लिए खेल की तकनीक और इसके दांव-पेंच की जानकारी जो उन्हें मिलनी चाहिए, […]
उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, गर्मी छुट्टी से वापस आने के बाद एक दिन भी कोच द्वारा अभ्यास नहीं हुआ है. फुटबॉल कोच रॉबिन अभी कोई कोर्स करने के लिए कोलकाता गये हुए हैं जबकि बेडमिंटन का कोच पिछले एक वर्ष से नहीं हैं.
खिलाड़ियों का मानना है कि दोनों खेलों के कोच के नहीं रहने से आगामी प्रतियोगिता के आयोजन में काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. याद रहे कि अगले महीने सुब्रतो मुखर्जी प्रतियोगिता का आयोजन होना है. इस प्रतियोगिता में एकलव्य केंद्र के ही अधिकांश खिलाड़ी शामिल होते हैं. ऐसे में बिना कोच का अभ्यास आशंकाओं को बल दे रहा है. इससे खिलाड़ी हतोत्साहित हो सकते हैं.
गौरतलब है कि पिछली बार सुब्रतो मुखर्जी प्रतियोगिता में एकलव्य के खिलाड़ियों ने ही शानदार प्रदर्शन किया था. अभी वर्तमान में फुटबॉल में 13 खिलाड़ी व बेडमिंटन में तीन खिलाड़ी मौजूद हैं. सभी खिलाड़ी खुद या अपने सीनियर से अभ्यास कर रहे हैं. ज्ञात हो कि केंद्र में खाद्य आपूर्ति का बकाया होने से खाना बंद था.
इससे सभी खिलाड़ियों ने घर पकड़ लिया था. खाद्य आपूर्ति का बकाया भुगतान होते ही विगत 10 जुलाई से खिलाड़ियों का आना शुरू हुआ. उसी समय से ही बिना कोच के ही केंद्र के खिलाड़ी अभ्यास कर रहे हैं. ऐसे में केंद्र के खिलाड़ी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे थे.
उल्लेख्य है कि एकलव्य केंद्रों में बिहार सरकार की ओर से 19 साल से कम उम्र के बच्चों को मुफ्त प्रशिक्षण दिये जाने का प्रावधान है. आमतौर पर इसमें खिलाड़ियों की भर्ती 14 साल की उम्र से ही शुरू हो जाती है. इन खिलाड़ियों को पोष्टिक भोजन, पेशेवर कोचिंग, पेशेवर प्रेक्टिक्स व अन्य सुविधाएं देकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए तैयार किया जाता है.
एकलव्य सेंटरों से कई खिलाड़ी राज्य स्तर पर खेल चुके हैं. कोच नहीं रहने के बारे में पूछे जाने पर जिला खेल पदाधिकारी रणधीर कुमार ने बताया कि इसकी जानकारी उनके संज्ञान में है. बहुत जल्द कोच की व्यवस्था केंद्र में हो जायेगी. खिलाड़ियों के अभ्यास पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
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