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अमेरिका में इमरान खान: पहले हुई ”बेइज्जती”, अब भाषण के दौरान बलूचों ने किया विरोध प्रदर्शन

वाशिंगटन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को वाशिंगटन में एक सभा के दौरान बलूच के कार्यकर्ताओंका विरोध का सामना करना पड़ा. इमरान खान यहां पाकिस्तानी समुदाय के लोगों को एक कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान तीन-चार की संख्या में बलूचसमुदाय के नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की. इस दौरान भारी उपद्रव […]

वाशिंगटन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को वाशिंगटन में एक सभा के दौरान बलूच के कार्यकर्ताओंका विरोध का सामना करना पड़ा. इमरान खान यहां पाकिस्तानी समुदाय के लोगों को एक कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान तीन-चार की संख्या में बलूचसमुदाय के नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की. इस दौरान भारी उपद्रव देखने को मिला. जानकारी के मुताबिक सिंधी, बलोच और मुजाहिरों ने अमेरिका के सड़कों पर भी इमरान खान के विरोध की योजना बनायी है.

इससे पहले भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को अमेरिका में "शर्मनाक" स्थिति का सामना करना पड़ा.रविवार को जब इमरान अमेरिका पहुंचे तो प्रोटोकॉल के मुताबिक ट्रंप के मंत्रालय का न तो कोई मंत्री और ना ही कोई बड़ा अधिकारी उनके स्वागत के लिये पहुंचा. अमेरिका में पहले से ही मौजूद विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और राजनयिक असद मजीद खान ही एयरपोर्ट पर स्वागत के लिये मौजूद थे. इमरान खान सहित सभी प्रतिनिधि इसके बाद मेट्रो से यात्रा कर राजदूत के आवास पर पहुंचे. इमरान खान यहीं रुकेंगे.

सालों से उठता रहा है बलूचों का मुद्दा

गौरतलब है कि बलूचिस्तान खुद को पाकिस्तान का हिस्सा नहीं मांगता और सालों से अपने लिये स्वायत्ता की मांग कर रहा है. बलूचिस्तान के लोगों का मानना है कि पाकिस्तान उनके आर्थिक संसाधनों का प्रचुर मात्रा में दोहन करता है लेकिन जब बात अधिकारों की आती है तो उन्हें कुछ नहीं मिलता. पाकिस्तानी सेना पर बलोच लोगों पर जोर-जबरदस्ती करने का आरोप लगता रहा है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लाल किले से अपने पहले संबोधन में बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया था.

आईएसआई और आर्मी चीफ भी मौजूद

बता दें कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अमेरिका के दौरे पर हैं. उनके साथ पाक आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई प्रमुख जनरल फैज हमीद भी अमेरिका के दौरे पर हैं. कहा जा रहा है कि पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और आतंक को लेकर भी उसकी चौतरफा आलोचना हो रही है.

इमरान के इस दौरे को अमेरिका से समर्थन मांगे जाने नजरिये से देखा जा रहा है. हाफिज सइद की गिरफ्तारी को भी इसी का हिस्सा माना जा रहा है. हालांकि पूर्व राजनयिकों का मानना है कि इमरान खान को इस यात्रा से कुछ खास हासिल नहीं होगा.

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