नयी दिल्ली : भारत ने गुरुवार को कहा कि कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का फैसला भारत के रुख की पूरी तरह पुष्टि करता है और आईसीजे के फैसले को लागू करना पाकिस्तान का कर्तव्य है.
भारत के लिहाज से एक बड़ी जीत में आईसीजे ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान को जाधव को दिये गये मृत्युदंड पर फिर से विचार करना चाहिए और उससे जाधव को राजनयिक मदद उपलब्ध कराने को भी कहा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि आईसीजे का फैसला मामले में भारत के रुख की पूरी तरह से पुष्टि करता है. उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान का कर्तव्य है कि वह आईसीजे के फैसले को लागू करे. कुमार ने कहा कि आईसीजे का फैसला अंतिम, बाध्यकारी है और अब इस पर कोई अपील नहीं हो सकती.
भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में एक मुकदमे के बाद मौत की सजा सुनायी थी. उन पर जासूसी और आतंकवाद का आरोप लगाया गया. सैन्य अदालत के फैसले के खिलाफ भारत ने मई 2017 में आईसीजे में अपील की थी. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने सजा के अमल पर रोक लगा दी थी.
आईसीजे में जीत पर इस्लामाबाद के दावे को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता कहा कि अपने लोगों से झूठ बोलने को लेकर पाकिस्तान की अपनी मजबूरियां हैं. कुलभूषण जाधव मामले पर मुंह की खाने के बावजूद पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है. पाकिस्तान अदालत के फैसले को अपनी जीत के तौर पर प्रचारित कर रहा है. इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाक को जमकर लताड़ लगायी है. रवीश ने कहा, मुझे लग रहा है कि वह कोई और फैसला पढ़ रहे हैं. मुख्य फैसला 42 पन्नों का है. यदि उनके पास 42 पन्ने पढ़ने भर के लिए सब्र नहीं है तो उन्हें सात पन्नों की प्रेस विज्ञप्ति पढ़नी चाहिए, जिसमें हर बिंदु भारत के पक्ष में है.
वहीं, रवीश कुमार ने पाकिस्तान में जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद की गिरफ्तारी को ड्रामा करार दिया. रवीश कुमार ने कहा, ये गिरफ्तारी-रिहाई, गिरफ्तारी-रिहाई बहुत दिनों से हो रही है. भारत में होने वाली हर बड़ी आतंकी घटना में उसका हाथ होता है, उसे पहले भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में छोड़ भी दिया गया था. उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि क्या इस बार का पाकिस्तान का यह कदम और ज्यादा बनावटी होगा, क्या अपनी आतंकी गतिविधियों के लिए हाफिज सईद को सजा सुनायी जायेगी. हम उम्मीद करते हैं कि इस बार उसे सजा मिले.