नयी दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) की ओर से बुधवार को पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा को लेकर दिये गये फैसले का भारत ने स्वागत किया है. अंतरराष्ट्रीय अदालत की ओर से फैसले आने के बाद पीएम मोदी ने स्वागत करते हुए कहा कि सच्चाई और न्याय की जीत हुई है. वहीं, विपक्षी दलों में प्रमुख कांग्रेस ने भी तारीफ करते हुए ‘बड़ा इंसाफ’ इंसाफ कहा.
आईसीजे से फैसला के फैसले का स्वागत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह ‘सच्चाई और न्याय की जीत’ हुई है. पीएम मोदी ने ट्वीट किया,‘हम आईसीजे के आज के फैसले का स्वागत करते हैं. सच्चाई और न्याय की जीत हुई है. आईसीजे को तथ्यों के गहन अध्ययन पर आधारित फैसले के लिए बधाई.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि वह आश्वस्त हैं कि जाधव को न्याय जरूर मिलेगा. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार प्रत्येक भारतीय की सुरक्षा और कल्याण के लिए हमेशा काम करेगी.’
इसके अलावा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अदालत की ओर से कुलभूषण जाधव के कंसुलर एक्ससे के लिए निर्देश दिया जाना भारत के लिए महान जीत है. वहीं, वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने फैसले का तहेदिल से स्वागत करते हुए इसे भारत के लिए एक महान जीत करार दिया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं कुलभूषण जाधव मामले में आईसीजे के फैसले का तहेदिल से स्वागत करती हूं. यह भारत के लिए एक महान जीत है.’
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स्वराज ने उम्मीद जतायी कि फैसला जाधव के परिजनों को तसल्ली देने का काम करेगा. उन्होंने आईसीजे में मामला ले जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मामले में अत्यंत प्रभावी तथा सफलतापूर्वक ढंग से दलीलें रखने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे का धन्यवाद व्यक्त किया. भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि यह भारतीय कूटनीति के लिए एक बड़ी जीत है.
उधर, भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के संदर्भ में आईसीजे के निर्णय की तारीफ करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि इस मामले में सही मायनों में इंसाफ हुआ है. पूर्व गृह मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘आईसीजे ने इस मामले में सही मायनों में इंसाफ किया है और मानवाधिकार, उचित प्रक्रिया एवं कानून को बरकरार रखा है.’
गौरतलब है कि आईसीजे ने बुधवार को फैसला सुनाया कि पाकिस्तान को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सुनायी गयी फांसी की सजा पर फिर से विचार करना चाहिए. इसे भारत के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है. भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल, 2017 में बंद कमरे में सुनवाई के बाद जासूसी और आतंकवाद के आरोपों पर फांसी की सजा सुनायी थी. इस पर भारत में काफी गुस्सा देखने को मिला था.