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फुलवारीशरीफ : माइक्रो सर्जरी तकनीक से कटे अंगों को बचाना संभव

पटना एम्स में राष्ट्रीय प्लास्टिक सर्जरी दिवस मना फुलवारीशरीफ : पटना एम्स के निदेशक डाॅ प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि प्लास्टिक सर्जरी भी अन्य सर्जरी की तरह है. सोमवार को एम्स में राष्ट्रीय प्लास्टिक सर्जरी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि प्लास्टिक सर्जरी एंड बर्न विभाग में अगले सत्र […]

पटना एम्स में राष्ट्रीय प्लास्टिक सर्जरी दिवस मना
फुलवारीशरीफ : पटना एम्स के निदेशक डाॅ प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि प्लास्टिक सर्जरी भी अन्य सर्जरी की तरह है. सोमवार को एम्स में राष्ट्रीय प्लास्टिक सर्जरी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि प्लास्टिक सर्जरी एंड बर्न विभाग में अगले सत्र से सुपरस्पेशियलिटी कोर्स एमसीएच की पढ़ाई आरंभ हो जायेगी.
इस कोर्स के लिए दो सीटें मिली हैं. इसके बाद निदेशक ने विभाग में अब तक की गयी सर्जरी की फोटो प्रदर्शनी को देखा. एम्स के प्लास्टिक एंड बर्न की विभागाध्यक्ष डाॅ वीणा सिंह ने कहा कि प्लास्टिक सर्जरी बहुत पुरानी विधि है. महर्षि सुश्रुत को प्लास्टिक सर्जरी का जनक कहा जाता है. 2600 साल पहले महर्षि सुश्रुत ने सर्जरी और प्लास्टिक सर्जरी की बात का अपने किताब में वर्णन किया है.
उन्होंने कहा कि माइक्रो सर्जरी तकनीक ने प्लास्टिक सर्जरी में बड़ा बदलाव ला दिया है. दुर्घटना में हाथ-पैर क्षतिग्रस्त या कट जाने से पूरा जीवन प्रभावित हो जाता है, लेकिन माइक्रो सर्जरी तकनीक से कटे अंगों को बचाना संभव हो गया है. कटे अंगों को समय से अस्पताल पहुंचा दिया जाये तो उसे वापस जोड़ा जा सकता है.
आज माइक्रो सर्जरी की तरह ही कॉस्मेटिक सर्जरी का प्रचलन तेजी से बढ़ा है. मौके पर उपनिदेशक परिमल सिंह, डाॅ प्रेम कुमार ,डाॅ रामजी सिंह, डाॅ संजीव कुमार, डाॅ अनूप कुमार ,डाॅ सुदीप कुमार, डाॅ अनिल कुमार , डाॅ संजय पांडेय , डाॅ श्वातलीना प्रधान आदि मौजूद थे.

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