-ग्लिटर वाली चूड़ियों की बढ़ गयी है डिमांड
पटना : सावन का महीना बुधवार से शुरू हो रहा है. ऐसे में शहर की महिलाएं इसकी तैयारियां कई दिन पहले से ही कर रही हैं. हो भी क्यों नहीं जब चारों ओर हरियाली का माहौल हो तो महिलाएं भी इसमें खास श्रृंगार करने से कैसे पीछे रहे. सावन का महीना यानी हरी चूड़ियां, साड़ियां और मेहंदी.
सावन में हाथों में मेहंदी की बात न हो तो सबकुछ अधूरा सा लगता है. वैसे भी सावन में मेहंदी का अपना महत्व है. मान्यता है कि जिसकी मेहंदी जितनी रंग लाती है, उसको उतना ही अपने पति और ससुराल का प्रेम मिलता है. सावन आते ही महिलाओं की कलाइयों में चुड़ियों के रंग हरे हो जाते हैं तो उनका पहनावा भी हरे रंग में तब्दील होता है. ऐसे में मेहंदी न हो तो बात पूरी नहीं होती है.
हरी चूड़ी से लेकर हरी साड़ी की रहती है डिमांड
सावन आने से पहले ही शहर में साड़ी और चूड़ी की दुकानों की रौनक बढ़ गयी है. हरे रंग की चुड़ियों में प्लेन कांच की चूड़ियां, ग्लीटर वाली चूड़ियां और कट वाली चुड़ियों की काफी मांग है. युवतियां कांच की चुड़ियों के साथ मेटल की भी चूड़ियां पसंद कर रही है. साल में सावन का महीना सबसे खास महीना होता है जब हर उम्र की युवतियां साज-श्रृंगार में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती है.
सावन में मेहंदी लगाने की काफी डिमांड रहती है. हर दिन 10-15 महिलाएं मेहंदी लगवाने आ ही जाती है. हाथ के साथ पैरों में भी मेहंदी लगाना पसंद करती है. सबसे ज्यादा राजस्थानी और जयपुरी मेहंदी लगाना पसंद करती है.
-राजू मेहंदी वाले, मौर्यालोक
हमारे शॉप में हरे रंग की साड़ियों की डिमांड सावन में बढ़ जाती है. आज कल लोगों के पहनावे में भी अंतर आया है जिसकी वजह से क्रेप के अलावा सेमी चुन्नी साड़ी व सिल्क भी महिलाएं और युवतियां लेती हैं.
-गुलशन किशोर, चुन्नीलाल, बोरिंग रोड