सुपौल : नेपाल के कोसी बराज से रात के 12 बजे 3 लाख 89 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. कोसी नदी के अधिक डिस्चार्ज को देखते हुए जलसंसाधन विभाग के निर्देशानुसार कोसी बराज के 56 गेटों को खोल दिया गया. कोसी बराज के ऊपर लाल बत्ती जलायी गयी. अभियंताओं की टीम कोसी बराज पर कैम्प कर रही है. कोसी बराज के एसडीओ लाला दास ने पुष्टि की.
खोले गये सभी 56 फाटक
देर रात कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोल दिये गये हैं. बराज पर प्रतिनियुक्त जल संसाधन विभाग के एसडीओ लाला दास ने कहा कि विभागीय आदेश के तहत सुबह तक के लिये सभी 56 फाटक खोले गये हैं. रविवार सुबह के हालात एवं विभागीय आदेश के बाद अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी.
निर्मली शहर में तेजी से घुस रहा पानी
तिलयुगा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण निर्मली नगर पंचायत के तीनों सलुइस गेट पर खतरा मंडराने लगा है. पूर्वी व उतरी रिग बांध में बने सलुइस गेट से तेजी से बाढ़ का पानी नगर की तरफ आ रहा है. तेजी से पानी निर्मली शहर की ओर प्रवेश कर रहा है. पश्चिमी कोसी तटबंध के जे ई राकेश कुमार को लेबर के साथ काम पर लगाया गया था, लेकिन शाम के बाद रोशनी की व्यवस्था नहीं रहने के कारण अभियंता और फिर लेबर काम छोड़ भाग निकले. दक्षिण रिंग बांध के सलुइस गेट होकर विहुल नदी का पानी भी ओवरफ्लो हो रहा है.
15 साल का रिकार्ड टूटा : कोसी-पूर्व बिहार के जिलों में अब तक 12 लोगों की डूबने से हुई मौत
रात 8 बजे बराह का डिस्चार्ज 234750 क्यूसेक दर्ज किया गया है. कोसी बराज कंट्रोल रूम द्वारा बताया गया कि 15 साल के बाद कोसी के जलस्राव में इस तरह रिकार्ड तोड़ वृद्धि हुई है. उनके अनुसार इससे पूर्व 11 जुलाई 2004 को कोसी का डिस्चार्ज 03 लाख 98 हजार क्यूसेक दर्ज किया गया था. तब से लेकर अब तक कभी इतनी वृद्धि नहीं हुई. इधर , कोसी-पूर्व बिहार के जिलों में अब तक 12 लोगों की डूबने से मौत हुई है.
किसनपुर में बांध के भीतर श्रमदान से बना बांध बहा, गांव में घुसा पानी
किशनपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कोसी बांध के भीतर कोसी महासेतु के समीप पूर्वी गाइड बांध के समीप एक माह पूर्व ग्रामीणों द्वारा बनाये गये सुरक्षा बांध शुक्रवार की रात टूट कर बह गया. जिससे पंचायत क्षेत्र के पांच पंचायत पूर्ण तथा चार पंचायत में आंशिक रूप से पानी प्रवेश कर गया. जिसके कारण सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी घुस गया. पानी के दबाव के कारण नदी से पश्चिम बौराहा पंचायत में करीब 160 परिवार के घर-आंगन में पानी घुसा हुआ है. लोगों ने चौकी या मचान के ऊपर रात गुजारा. दर्जनों घरों में खाना तक नहीं बन पाया. पूर्वी भाग के हासा, झखराही, मुरकुचिया, मोमीन टोला, पीरगंज, ठाढीधाता, मौजहा, बुढ़िया डीह, पकड़िया, दिघिया, दुबियाही, खखई पश्चिम सहित दो दर्जन गांव में पानी घुसा हुआ है.
सुपौल जिले में 30 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. 47 गांव बाढ़ की चपेट में आये हैं. श्रमदान से बनाये गये गाइड बांध टूटने के बाद कोसी बांध के भीतर बसे सभी 47 गांव बाढ़ की चपेट में आ गया. सैकड़ों घरों में पानी प्रवेश कर गया तथा शेष बचे घरों में पानी प्रवेश कर रहा है. अगले 24 घंटे के अंदर सभी जगह पानी फैल जायेगा. शुक्रवार की आधी रात जिला एवं स्थानीय प्रशासन के समक्ष सुरक्षा बांध के ऊपर-ऊपर पानी बहने लगा. बांध पर जाने से आमलोगों को रोका जा रहा है. तेलियारी गांव में कई घर बाढ़ की चपेट में आकर बह गया. लोग अपना-अपना सामान भी नहीं निकाल पाया.
मधेपुरा : एक ही परिवार के तीन बच्चे की बाढ़ के पानी में डूबने से हुई मौत
मुरलीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत रजनी पंचायत में एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत बाढ़ के पानी में डूबने से हो गयी. जानकारी अनुसार के थाना क्षेत्र के रजनी पंचायत के वार्ड संख्या 13 मंदिर टोला निवासी बबलू यादव के तीन बच्चों की देर संध्या डूबने से मौत हो गयी. बताया जा रहा है कि संध्या के करीब 5:30 बजे के आसपास गांव के अन्य एक बच्चे के साथ तीनों भाई बहन गांव में आयी बाढ़ के पानी में स्नान करने के लिए गया. इसी दौरान पैर फिसलने से एक डूबने लगा. दो बच्चे बचाने गये तो वह भी डूब गये. वही अन्य जो साथ में बालक थे वहां देखकर डर से गांव लौट गया, लेकिन वह गूंगा होने की वजह से किसी को कुछ नहीं बता पाया.
इधर, बबलू यादव के पुत्री प्रियांशु कुमारी और दो पुत्र लव व कुश की डूबने से मौत हो गयी. काफी देर होने के बाद उनकी खोजबीन की गयी. इतने में ग्रामीणों ने नदी किनारे जाते हुए देखने की बात बतायी, जिसके बाद खोजबीन की तो शव बरामद हुआ. स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी मुरलीगंज पुलिस व अंचलाधिकारी को दी.
बेतिया : संपर्क भंग लौरिया नरकटियागंज सड़क मार्ग का संपर्क टूटा
पूर्वी चंपारण के मधुबन प्रखंड के कृष्णानगर, हरदिया, दुबहां, बुधौलिया, नौरंगियाडीह, कंशपकड़ी गांव में घुसा बाढ का पानी. स्थिति हुई विकराल, मधुबन-शिवहर पथ में एनएच 104 पर हरदिया गांव में चढ़ा पानी, मधुबन में पुलिया हुई क्षतिग्रस्त
सीतामढ़ी : जिला मुख्यालय से टूटा संपर्क
मेजरगंज के 28 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, मूकदर्शक की भूमिका में प्रशासन, नाव की भी व्यवस्था नही. सभी गांव का प्रखंड मुख्यालय व प्रखंड मुख्यालय का जिला मुख्यालय से संपर्क टूटा.
समस्तीपुर : दर्जनों गांव में घुसा पानी
झंझारपुर में कई जगह बांध टूट गया है. पानी दर्जनों गांव में घुस गया है. गोपालखा और नरुआर गांव के समीप कमला नदी का बांध टूटा है. वहीं दरभंगामें प्रखंड क्षेत्र के कई गांव में घुसा बाढ़ का पानी ऊंचे जगह पर पलायन के लिए भी नाव नहीं है.