बेतिया : अपने मां या पिता को प्रताड़ित करनेवाले अनुकंपा के आधार पर बहाल सरकारी कर्मियों पर जिलाधिकारी डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे ने कड़ा रुख अख्तियार करना आरंभ कर दिया है. अब अनुकंपा आश्रित लिपिक या परिचारी यदि अपने परिजन को प्रताड़ित करते है तो निलंबन के साथ ही साथ उन पर अन्य कार्रवाई भी की जायेगी.
इसी कड़ी में आईसीडीएस कार्यालय में प्रतिनियुक्त लिपिक कवि भूषण ठाकुर को जिलाधिकारी डॉ. देवरे ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय बगहा अनुमंडल कार्यालय बनाया गया है.
डीएम डॉ. देवरे ने बताया कि चनपटिया प्रखंड के जोकहां निवासी कविभूषण के पिता महंथ ठाकुर ग्राम सेवक थे. जिनके निधन के बाद उनके पुत्र कवि भूषण की नियुक्ति अनुकंपा पर हुई. इधर नौकरी के बाद से कविभूषण अपनी मां लालसा देवी के साथ अभद्र व्यवहार व मारपीट करता था. इसकी शिकायत लालसा देवी ने की थी. हाल में ही उसने अपनी मां को मारपीट कर हाथ व रीढ़ की हड्डी तोड़ दिया.
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच करायी गयी. इसमें प्रथम दृष्टया आरोप सहीं पाये जाने पर कविभूषण ठाकुर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. डीएम डॉ. देवरे ने बताया कि अनुकंपा के आधार पर नियुक्त व्यक्ति पर मृत सरकारी सेवक के आश्रित परिवार के भरण-पोषण का पूर्णतः उतरदायित्व रहता है. लेकिन उनके भरण-पोषण में किसी प्रकार की त्रुटी की जाती है तो नियुक्त पदाधिकारी द्वारा कारण पृच्छा प्राप्त कर उसकी सेवा समाप्त की जा सकती है.
उतरदायित्व की अवहेलना को गंभीर कदाचार मानते हुए उनके परिलब्धियों का एक अंश मृत सरकारी सेवक के आश्रित सदस्यों को देने का प्रावधान है. कविभूषण का आचरण सरकारी सेवक आचार नियमावली के प्रतिकूल है तथा अनुकंपा पर नियुक्त के लिए घोषणा पत्र के विरुद्ध है. अतएव तत्काल प्रभाव से कवि भूषण को निलंबित कर दिया गया है.