नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को यह साफ किया कि कुछ इकाइयों की ओर से बड़े पैमाने पर नकदी निकासी के मद्देनजर सरकार को एक सीमा से अधिक की ऐसी निकासी पर टीडीएस (धन के स्रोत पर कर की कटौती) का प्रावधान करना पड़ा है. उन्होंने लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2017-18 में मात्र 448 कंपनियां ऐसी रहीं, जिन्होंने बैंक खातों से 5.56 लाख करोड़ रुपये की राशि की नकद निकासी की.
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उन्होंने कहा कि यही वजह है कि सरकार को बैंक खाते से साल में एक करोड़ रुपये से अधिक की निकासी करने वाले व्यक्तियों और इकाइयों पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाना पड़ा है. उपरोक्त 448 इकाइयों के मामले में प्रत्येक ने अपने बैंक खातों से साल में 100-100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि निकाली. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2017-18 में करीब दो लाख लोगों और इकाइयों ने बैंक खातों से एक-एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि निकाली. इन इकाइयों ने कुल मिलाकर 11.31 लाख करोड़ रुपये की निकासी की.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि कारोबारी भुगतान नकद में करने को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से मैं बैंक खाते से एक साल में एक करोड़ रुपये से अधिक की निकासी पर दो फीसदी टीडीएस का प्रस्ताव करती हूं. वित्त वर्ष 2017-18 में 1.03 लाख से अधिक इकाइयों ने एक से दो करोड़ रुपये की निकासी की और उनकी कुल मिलाकर निकासी 1.43 लाख करोड़ रुपये रही.
वहीं, 58,160 इकाइयों ने दो से पांच करोड़ रुपये की निकासी की और उनकी कुल मिला कर नकद निकासी 1.75 लाख करोड़ रुपये थी. इसी तरह, 14,552 इकाइयां ऐसी थीं, जिन्होंने साल के दौरान बैंक खातों से 5 से 10 करोड़ रुपये निकाले और उनकी कुल निकासी 98,900 करोड़ रुपये रही. इसके अलावा, 7,300 लोग ऐसे रहे, जिन्होंने 10 से 100 करोड़ रुपये की निकासी की. उनकी कुल निकासी 1.57 लाख करोड़ रुपये रही.
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