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केंद्र ने खालिस्तान समर्थक संगठन एसएफजे पर लगाया प्रतिबंध

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को खालिस्तान समर्थक संगठन द सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) को इसकी कथित राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए प्रतिबंधित कर दिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अमेरिका स्थित एसएफजे अपने अलगाववादी एजेंडा के तहत 2020 में सिख जनमत संग्रह की वकालत करता रहा है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी […]

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को खालिस्तान समर्थक संगठन द सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) को इसकी कथित राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए प्रतिबंधित कर दिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

अमेरिका स्थित एसएफजे अपने अलगाववादी एजेंडा के तहत 2020 में सिख जनमत संग्रह की वकालत करता रहा है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट की एक बैठक में एसएफजे को गैर कानूनी गतिविधियां निरोधक कानून (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित घोषित करने का फैसला किया गया. अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन आदि में विदेशी नागरिकता के कुछ कट्टरपंथी सिखों की ओर से संचालित संगठन एसएफजे को यूएपीए, 1967 की धारा 3 (1) के प्रावधानों के तहत गैर-कानूनी घोषित किया गया था. इस संगठन का मुख्य उद्देश्य पंजाब में एक स्वतंत्र एवं संप्रभु देश स्थापित करना है.

अधिकारी ने बताया कि यह खालिस्तान के मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखता है और इस प्रक्रिया में भारत की संप्रभुता एवं अखंडता को चुनौती देता है. इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने एसएफजे को प्रतिबंधित करने के सरकार के फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह आतंकवादी संगठन माने जाने लायक है. उन्होंने इसे आईएसआई समर्थित संगठन के भारत विरोधी और अलगाववादी मंसूबों से देश की रक्षा करने की दिशा में पहला कदम करार दिया. एसएफजे खासकर ऑनलाइन मंचों पर सक्रिय है और इसके दो लाख से ज्यादा समर्थक हैं. लेकिन, शारीरिक तौर पर इसके सदस्यों की सक्रियता बहुत कम है और इसके महज आठ-दस सक्रिय सदस्य हैं. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि एसएफजे के सक्रिय सदस्य परमजीत सिंह पम्मा ने हाल में विश्व कप क्रिकेट के एक मैच के दौरान भारत विरोधी नारेबाजी की थी.

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