बिहार कि उच्च शिक्षा की हालत बहुत अच्छी नहीं है. छात्र रोजगार को लेकर तनाव में रहते हैं. पर, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के गैरजिम्मेदाराना रवैये से छात्र-छात्राओं में निराशा है. मुजफ्फरपुर विश्वविद्यालय और उनके कॉलेजों की हालत ठीक नहीं है. छात्रों और अभिभावकों से मनमानी की जाती है.
दूसरे कॉलेजों में एडमिशन के लिए कागजात लेने में छात्रों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. गलती व्यवस्था की है और खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ता है. इसलिए राज्य के बाहर कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों को नामांकन रद्द होने का डर हमेशा सताता रहता है. यदि सरकार इस पर ध्यान दे तो व्यवस्था में सुधार किया जा सकता है. साथ ही इसमें कर्मचारियों कि जिम्मेदारी भी तय की जानी चाहिए. सरकार को भी इसके प्रति गंभीरता से सोचना चाहिए.
आदित्य मिश्रा, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)