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शेल्टर होम केस को लेकर मुंगेर, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में छापेमारी

भागलपुर/पटना : सीबीआइ ने मंगलवार को भागलपुर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर और मोतिहारी में मौजूद शेल्टर होम की एक साथ जांच की. यह जांच मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड से जुड़ी है. इस दौरान सीबीआइ ने इन सभी शहरों में मौजूद शेल्टर होम को मानक के मुताबिक परखा और इससे जुड़े हर पहलू की पड़ताल की. इस दौरान […]

भागलपुर/पटना : सीबीआइ ने मंगलवार को भागलपुर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर और मोतिहारी में मौजूद शेल्टर होम की एक साथ जांच की. यह जांच मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड से जुड़ी है. इस दौरान सीबीआइ ने इन सभी शहरों में मौजूद शेल्टर होम को मानक के मुताबिक परखा और इससे जुड़े हर पहलू की पड़ताल की. इस दौरान कुछ स्थानों पर शिकायत पेटी, नोटिस बोर्ड के अलावा कई मूलभूत सुविधाओं का अभाव पाया गया.
कुछ स्थानों पर लड़कियों को प्रताड़ित करने की बात भी सामने आयी. इन मामलों में दोषी लोगों की पहचान की गयी और इनसे भी जल्द ही अलग से पूछताछ की जा सकती है. सीबीआइ मुख्यालय की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी गयी है. सीबीआइ के अनुसार बिहार में किसी नये केस को लेकर सर्च नहीं हुआ, बल्कि मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम केस को लेकर रिव्यू जांच की गयी.
उधर रेशमनगर स्थित बाल गृह में मंगलवार को सुबह 8:30 बजे से रांची से आई सीबीआइ की सात सदस्यीय टीम ने दोपहर तीन बजे तक रही और इस दौरान बाल गृह के एक-एक कोने की जांच की. सीबीआइ की टीम बाल गृह में बच्चों को प्रताड़ित करने के मामले में अहम सबूत के तौर पर शिकायत पेटी में रखी गयी शिकायती पत्र को खोज रही थी.
इस शिकायती पत्र के आधार पर ही टीआइएसएस (टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस) की टीम ने सोशल ऑडिट में बच्चों को बाल गृह में पीटने व वित्तीय अनियमितता का मामला उजागर हुआ था. टीआइएसएस की सोशल ऑडिट के बाद ही विभाग सजग हुई और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पूरे मामले की जांच सीबीआई ने शुरू किया.
सीबीआइ की टीम सर्च वारंट को लेकर बाल गृह की जांच करने आयी. उन्होंने वहां के कर्मी से शिकायत पेटी में तभी के समय रखी हुई चिट्ठी को देने के लिए कहा. इस पर बाल गृह के पदाधिकारियों ने कहा कि पहले भी इस पत्र के बारे में जानकारी नहीं है. सीबीआइ की टीम इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुई. इस कारण जांच टीम के साथ गवाहों को भी साथ लेकर आयी है, ताकि बच्चों के शिकायती पत्रों को खोजा जा सके.
सीबीआइ की टीम ने बाल गृह के स्टोर रूम से लेकर विभिन्न जगहों पर रखी अलमारी आदि जगहों पर शिकायत पत्रों की खोजबीन किया. मगर दोपहर तीन बजे तक टीम को बच्चों का शिकायत पत्र हाथ नहीं लगा. जाते-जाते सीबीआइ की टीम ने दोबारा शिकायत पत्र की जांच को लेकर आने की बात कही. दरअसल बच्चों का शिकायत पत्र ही केस का अहम आधार है.

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