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नदी महोत्सव में बोले CM रघुवर – करम पूजा और सरहुल पर लगाये जायेंगे 1-1 लाख करम के पौधे

रांची : झारखंड के 24 जिलों के 44 नदी तट, 64 स्थल, 244 किलोमीटर का क्षेत्र और 8.25 लाख पौधरोपण एक माह में होगा. वन विभाग, वन समितियों और आम लोगों के सार्थक प्रयास को नमन. आपके प्रयास का प्रतिफल है कि 2014 के बाद राज्य के वन क्षेत्र में .29 फीसदी की वृद्धि दर्ज […]

रांची : झारखंड के 24 जिलों के 44 नदी तट, 64 स्थल, 244 किलोमीटर का क्षेत्र और 8.25 लाख पौधरोपण एक माह में होगा. वन विभाग, वन समितियों और आम लोगों के सार्थक प्रयास को नमन. आपके प्रयास का प्रतिफल है कि 2014 के बाद राज्य के वन क्षेत्र में .29 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी. एक बार पुनः समय आ गया है आप फिर अपने हिस्से का एक पौधा लगाएं और उसे पेड़ बनाएं.

झारखंड को उसके नाम के अनुरूप वनों से आच्छादित करने में राज्य सरकार को सहयोग करें. क्योंकि जल, जंगल, जमीन और जलवायु हमारी अमानत है और इसका संरक्षण करना हमारा पुनीत कर्तव्य. ये बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रांची के बोड़या स्थित जुमार नदी के तट पर आयोजित नदी महोत्सव सह वृहद पौधारोपण कार्यक्रम में कही.

हमारी संस्कृति से जुड़े करम वृक्ष के 1 लाख पौधे लगाये जायेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की संस्कृति से जुड़े करम पर्व और सरहुल पर्व के दौरान करम के 1-1 लाख पौधे लगाये जायेंगे. करीब 60 हजार करम के पौधे 2018 में लगाये गये थे. ऐसा करने का तात्पर्य इस बात पर निहित है कि क्योंकि सरहुल और करम पर्व प्रकृति जुड़े हमारे महत्वपूर्ण पर्व हैं. पुरातन काल से ही पेड़ पौधे हमारी संस्कृति और पूजा-पाठ से जुडे रहे हैं और रहेंगे.

सरकार विकास करेगी, लेकिन प्रकृति का संरक्षण भी होगा

सरकार की मंशा बिल्कुल स्पष्ट है. सरकार जो भी विकास कार्य करेगी उसमें प्रकृति के संरक्षण का विशेष ध्यान रखा जायेगा. हम सभी को पता है कि पानी वहीं बरसता है, जहां पेड़ होंगे, पेड़ नहीं होंगे तो वर्षा नहीं, वर्षा नहीं तो फसल नहीं. इसलिए भूमि, मिट्टी, पौधा, पानी और प्राणी का प्रबंधन करें, ताकि आनेवाली और वर्त्तमान पीढ़ी का जीवन सुखमय हो. इसी अनुरूप सरकार भी कार्य करेगी और राज्य की जनता से भी यही अपेक्षा है. मुख्यमंत्री ने समस्त राज्य वासियों से अपील की कि इस अभियान में एक-एक पौधा जरूर लगाएं और सप्ताह में एक दिन श्रम दान करें. अपने लगाए पौधे की रक्षा करें उसे सूखने ना दें.

जल प्रबंधन की गंभीरता पर विचार जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश में जल संकट को देखते हुए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया है, जिससे जल प्रबंधन की दिशा में कार्य हो सके. दूषित जल की समस्या से देश और राज्य जूझ रहा है. शिशु और मातृ मृत्यु दर में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. जल प्रबंधन अभियान इस दिशा में अपनी सार्थक भूमिका दर्ज करेगा.

प्रकृति के साथ विकास सही मायने में विकास : मुख्य सचिव

मुख्यसचिव डी के तिवारी ने कहा कि अब विकास के मायने बदल रहे हैं. बड़े-बड़े भवन बना देना ही विकास नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ विकास करना सही मायने में विकास है. आज वृहद वृक्षारोपण अभियान इस सामंजस्य को स्थापित करने की पहल है. हमें स्वच्छ जल, पेड़, झरने चाहिए. इसके लिए प्रकृति के साथ किसी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं. प्रधानमंत्री इस अभियान को और गति देने के लिए कैम्पा योजना के तहत चार हजार एक सौ करोड़ की राशि उपलब्ध करा रहे हैं, ताकि प्रकृति का श्रृंगार हरियाली से किया जा सके.

मुख्यमंत्री ने वन विभाग की 2018 वृक्षारोपण कार्यक्रम से संबंधित लघु पुस्तिका का विमोचन किया. कार्यक्रम के दौरान मुकुंद नायक ने अपनी प्रस्तुति दी. मुख्यमंत्री ने स्वयं मांदर को थाप देकर इस अभियान को सांस्कृतिक उत्सव का रूप दिया.

इस अवसर पर सांसद रांची संजय सेठ, विधायक कांके जितूचरण राम, खिजरी विधायक रामकुमार पाहन, मुख्य सचिव डी के तिवारी, अपर मुख्य सचिव वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग इंदु शेखर चतुर्वेदी सचिव राजस्व, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, हेड ऑफ फॉरेस्ट संजय कुमार, सचिव राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार के के सोन, उपायुक्त रांची राय महिमापत रे, वरीय पुलिस अधीक्षक अनीश गुप्ता, उपमहापौर संजीव विजयवर्गीय, सुरेन्द्र महतो, स्कूली बच्चे, एनसीसी कैडेट्स व ग्रामीण उपस्थित थे.

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