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बजट प्रतिक्रिया : उद्योग जगत ने कहा, सरकार का हरित और सतत विकास पर है जोर

नयी दिल्ली : उद्योग जगत ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पहला बजट निवेश बढ़ाने वाला बताया. उसने कहा कि यह देश की अर्थव्यवस्था को 2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर में तब्दील करने की रूपरेखा प्रस्तुत करता है. वेदांता रिर्सोसेज के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने इसे प्रगतिशील बजट बताया. वहीं, आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष […]

नयी दिल्ली : उद्योग जगत ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पहला बजट निवेश बढ़ाने वाला बताया. उसने कहा कि यह देश की अर्थव्यवस्था को 2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर में तब्दील करने की रूपरेखा प्रस्तुत करता है. वेदांता रिर्सोसेज के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने इसे प्रगतिशील बजट बताया. वहीं, आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने कहा कि यह आर्थिक वृद्धि में उल्लेखनीय तेजी लाने का खाका है. साथ ही, पर्यावरण अनुकूल विकास पर भी जोर दिया गया है, जो बताता है कि सरकार का हरित और सतत विकास पर जोर है.

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मोदी सरकर के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पांच साल पहले 1850 अरब डॉलर की थी, जो अब 2,700 अरब डॉलर की हो गयी है और अगले कुछ साल में इसके 5,000 अरब डॉलर का हो जाने की क्षमता है. अग्रवाल ने कहा कि यह प्रगतिशील बजट है, जिसमें स्वास्थ्य, स्वच्छता, पानी, लोगों के कल्याण के साथ नये भारत के आधार को मजबूत करेगा. गोयनका ने ट्वीट किया कि बजट में वृद्धि को तीव्र गति देने का खाका प्रस्तुत किया गया है.

सीतारमण की सराहना करते हुए बायोकॉन की चैयरमैन किरण मजूमदार शॉ ने ट्वीट किया कि एक कारोबारी महिला होने के साथ… मुझे यह देखकर गर्व है कि एक महिला वित्त मंत्री ने भरोसा बढ़ाने वाला बजट पेश किया. उद्योग मंडल सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि बजट बिना लोकलुभावनी बातों के यह एक लोकप्रिय बजट है. इसमें ऐसी घोषणाएं की गयी हैं, जो समाज के हर तबके…महिला, युवा, उद्यमी, छत्र तथा उद्योग के लिए है. यह राजकोषीय अनुशासन के साथ ग्रामीण और शहरी दोनों को लाभ पहुंचाने वाला है.

एसोचैम के अध्यक्ष बीके गोयनका ने कहा कि सीतारमण का पहला बजट निवेश बढ़ाने वाला बजट है. इसमें ग्रामीण ढांचागत सुविधा और मांग को मजबूत बनाने पर जोर है. साथ ही, कर सरलीकरण के उपायों के लिए कदम उठाया गया है, जिसका मकसद वृद्धि को गति देना तथा उच्च स्तरीय राजकोषीय अनुशासन बनाये रखना है. उन्होंने कहा कि यह रूपांतरण लाने वाला बजट है, जिसका मकसद भारतीय अर्थव्यवस्था को 2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है.

फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने कहा कि बजट में कई सकारात्मक चीजें हैं और समाज के सभी तबकों को कुछ-न-कुछ लाभ देता है. इसमें अगले कुछ साल में देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने को लेकर स्पष्ट कार्य योजना का खाका पेश किया गया है. अपोलो हास्पिटल ग्रुप के चेयरमैन प्रताप रेड्डी ने कहा कि बजट में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने को लेकर एक स्पष्ट खाका पेश किया गया है.

विप्रो एंटरप्राइजेज के मुख्य वित्त अधिकारी राघव स्वामीनाथन ने कहा कि सरकार का जोर बुनियादी ढांचा पर बना हुआ है, जो समय की जरूरत है. डालमिया भारत ग्रुप के प्रबंध निदेशक पुनीत डालमिया ने कहा कि बजट में ग्रामीण और शहरी विकास की प्राथमिकताओं के संदर्भ में संतुलन है. वृद्धि को गति देने के लिए निवेश बढ़ाने के भी प्रस्ताव हैं. साथ ही, पर्यावरण अनुकूल विकास पर भी जोर दिया गया है, जो बताता है कि सरकार का हरित और सतत विकास पर जोर है.

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