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लूट, हत्या व डकैती के कई मामलों में वांछित होमगार्ड जवान गिरफ्तार

भभुआ : कैमूर, रोहतास व बक्सर जिले में लगभग दो दर्जन लूट, हत्या, डकैती की घटना को अंजाम देनेवाले कवींदर कोहार उर्फ कवींदर प्रजापति को कैमूर पुलिस ने भभुआ में सेमरिया बस्ती के पास स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से एक देशी कट्टा व दो जिंदा कारतूस भी बरामद किये गये. […]

भभुआ : कैमूर, रोहतास व बक्सर जिले में लगभग दो दर्जन लूट, हत्या, डकैती की घटना को अंजाम देनेवाले कवींदर कोहार उर्फ कवींदर प्रजापति को कैमूर पुलिस ने भभुआ में सेमरिया बस्ती के पास स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से एक देशी कट्टा व दो जिंदा कारतूस भी बरामद किये गये.

कैमूर पुलिस को कवींदर की हालिया दिनों में रामगढ़ में हुए बोलेरो लूट व मोहनिया में हुए बस लूटकांड में तलाश थी. उसके ऊपर सिर्फ कैमूर जिले में डेढ़ दर्जन लूट, डकैती व हत्या के केस दर्ज हैं. वहीं बक्सर में पांच व रोहतास में दो मामले दर्ज हैं. इसके अलावे यूपी में भी कई मामले में दर्ज होने की संभावना है.
दर्ज मामले
1991 में ट्रैक्टर लूट के मामले में पकड़े जाने पर जब वह एक वर्ष बाद जेल से छूटा तो 1992 में कुछिला में डकैती, बक्सर के राजपुर में डकैती के दौरान एक व्यक्ति की हत्या, 1994 में कुछिला थाना क्षेत्र में हत्या, बक्सर के राजपुर में हत्या की घटना को अंजाम दिया. 1997 में उसने मोहनिया के डंडवास गांव के जवाहर पाठक की हत्या कर दी थी.
यहीं नहीं 2005 में परसथुआ के चंद्रमा यादव की हत्या कर लाश को छिपा दी थी. 2006 में रामगढ़ थाना क्षेत्र में ट्रक लूट की घटना को अंजाम दिया . 2009 में पसपिपरा गांव के पंडित जी के घर से बंदूक लूट ली थी.
2013 में बरेज गांव में डकैती डाली. 2014 में गिरोह के लोगों के साथ सासाराम में स्कॉर्पियो लूटी. 2014 में रामगढ़ थाने क्षेत्र में ट्रक लूट की घटना को अंजाम दिया. 2016 में पसपिपरा के पास बस लूटी. वहीं 2017 में रोहतास के दरिगांव में लूट की. 2018 में रामगढ़ थाना क्षेत्र में एक बोलेरो लूटने की घटना को अंजाम दिया . पुलिस के रेकॉर्ड में कवींदर पेशेवर अपराधी है. 28 सालों से अपराध की दुनिया में सक्रिय है और उसके द्वारा लूट, हत्या डकैती की घटना को अंजाम दिया गया है.
1991 में होमगार्ड जवान की नौकरी छोड़ बन गया लुटेरा
भभुआ थाना में कैमूर एसपी दिलनवाज अहमद ने प्रेसवार्ता करते हुए बताया की कवींदर ने पुलिस के सामने अपने बयान में बताया है की वह कैमूर जिले के कुछिला थाना क्षेत्र में पउवठडेरा गांव का रहनेवाला है. 1989 में उसकी नौकरी रोहतास जिले में होमगार्ड जवान में लगी थी.
कुछ दिन नौकरी करने के दौरान ही उसके गांव पउवठडेरा में डकैती हो गयी. जिसमें लुटेरों ने लूटपाट के दौरान उसके पिता को गोली मार दी थी. उक्त डकैती के मामले में जब पुलिस से उसे न्याय नहीं मिला तो 1991 में उसने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया और होमगार्ड जवान की नौकरी छोड़ लूट, डकैती, हत्या की घटना को अंजाम देना शुरू कर दिया.
पहली बार उसने सरयू यादव के गिरोह के साथ मिल कर मोहनिया के दादर गांव के पास ट्रैक्टर लूट की घटना को अंजाम दिया. इसके बाद गिरफ्तार होकर जेल भी भेजा गया. लेकिन, वह अपराध की दुनिया से वापस नहीं लौटा और वह निरंतर पिछले 28 सालों से लगातार अापराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहा है.
गांव की संपत्ति बेच रह रहा था भभुआ में
कवींदर कुछिला थाना क्षेत्र के पउअठडेरा गांव का रहनेवाला है. लेकिन, पुलिस से बचने के लिए गांव की सारी संपत्ति बेच कर वह अपनी सारी संपत्ति को बेच कर भभुआ में सुवरा नदी के तट पर सेमरिया बस्ती के पास रह रहा था.
भभुआ की पुलिस उसे पकड़े नहीं इसलिए वह भभुआ में किसी तरह की अपराधिक घटना को अंजाम नहीं देता था.सके गिरोह में बहुआरा का सरयू यादव, रामाअशीष शर्मा, मुखराम का सरयूग यादव, भेलमा का भरोसी राम, रामचंद्र राम, मुजान का भंडोल राम शामिल थे. उसकी गिरफ्तारी भभुआ थाने के थानेदार सत्येंद्र राम, सब इंस्पेक्टर मनु प्रसाद सहित अन्य पुलिसकर्मियों द्वारा की गयी.

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