चंडीगढ़ : शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने मंगलवार को पाकिस्तान से मांग की कि वह करतारपुर साहिब जाने के लिए भक्तों की संख्या की सीमा को हटा दे और भक्तों के परमिट शुक्ल को भी माफ करे. पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारे में भक्तों के जाने के लिए बीते बरस भारत और पाकिस्तान, करतारपुर गलियारा बनाने के लिए राजी हुए थे. करतारपुर में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपनी जि़ंदगी के आखिरी साल गुजारे थे. यह गलियारा पंजाब के गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब से जोड़ेगा.
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बादल ने कहा कि पाकिस्तान ने प्रति दिन 700 भक्तों की संख्या की सीमा तय की है. साथ ही, साल में दिनों की संख्या की सीमा भी तय कर दी है. फिरोजपुर से सांसद ने यहां दावा किया कि पाकिस्तान की ओर से तीर्थयात्रियों के लिए प्रस्तावित प्रवेश शुल्क और परमिट शुल्क भी बहुत ज्यादा है. आम दिनों में यह 1600 रुपये प्रति व्यक्ति है, जबकि खास दिनों के लिए यह 8000 रुपये प्रति व्यक्ति है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने यह सुविधा सिर्फ भारतीय नागरिकों के लिए तय की है और भारतीय मूल के लोग (एनआरआई) इसका लाभ नहीं ले सकते हैं. भक्तों की संख्या सीमित किये जाने और परमिट शुल्क को ‘अनुचित’ करार देते हुए उन्होंने पाकिस्तान से बड़ा दिल दिखाने का अनुरोध किया. बादल ने मांग की कि पाकिस्तान को भक्तों को परमिट शुल्क और प्रवेश शुल्क माफ करना चाहिए और आम दिनों में पांच हजार तथा विशेष दिनों में 15000 भक्तों के प्रवेश की इजाज़त देनी चाहिए.
शिअद प्रमुख ने दावा किया कि केंद्र ने कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों में भारतीय मिशनों के पास रखी सिखों की काली सूची को रद्द करने के उनकी पार्टी के अनुरोध को स्वीकार कर लिया.