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रांची : अब अपने छात्रों को नामांकन में 10% छूट देगा डीएसपीएमयू
डीएसपीएमयू के सिंडिकेट की बैठक में लिया गया निर्णय संबंधित विभाग में कुल सीट का 15 प्रतिशत पेड सीट रखने का लिया निर्णय सिंगल टीचर वाले विभाग को अन्य विभाग के शिक्षक को डीआरसी में शामिल करने की छूट रांची : डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि अब अपने छात्रों को नामांकन में 10 फीसद की […]
डीएसपीएमयू के सिंडिकेट की बैठक में लिया गया निर्णय
संबंधित विभाग में कुल सीट का 15 प्रतिशत पेड सीट रखने का लिया निर्णय
सिंगल टीचर वाले विभाग को अन्य विभाग के शिक्षक को डीआरसी में शामिल करने की छूट
रांची : डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि अब अपने छात्रों को नामांकन में 10 फीसद की छूट देगा, ताकि विवि के विद्यार्थियों को नामांकन के लिए बाहर नहीं भटकना पड़े. उक्त निर्णय सोमवार को कुलपति डॉ एसएन मुंडा की अध्यक्षता में सिंडिकेट की बैठक में लिया गया. यह भी निर्णय लिया गया कि संबंधित विभाग में कुल सीट का 15 प्रतिशत सीट पेड (पैसा वाला) रहेगा. इसमें मेरिट और आरक्षण रोस्टर का ख्याल रखा जायेगा.
विवि के किसी विभाग में अगर एक ही शिक्षक हैं, तो शोध कार्य प्रभावित नहीं हो, इसके लिए उक्त संकाय के संबंधित विभाग के अन्य शिक्षकों को डिपार्टमेंटल रिसर्च काउंसिल (डीआरसी) का सदस्य बनाने का निर्णय लिया गया. अगर किसी विषय या भाषा जाननेवाले शिक्षक अन्य विभाग में हैं, तो उन्हें भी काउंसिल का सदस्य बनाया जा सकता है. जिससे शोध का क्रम जारी रह सके और कोई दिक्कत नहीं हो.
मालूम हो कि विवि में छह-सात विभाग को छोड़कर लगभग अन्य विभागों में एक ही शिक्षक कार्यरत हैं. शिक्षकों की कमी और शोधार्थी की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उक्त निर्णय लिया गया.
बैठक में डॉ अनुराग त्रिपाठी को दो वर्ष का लियेन देने की स्वीकृति दी गयी. वहीं वित्त समिति के 24 प्रस्ताव, पर्चेज कमेटी के 12 प्रस्ताव, परीक्षा बोर्ड के 14 प्रस्ताव, एकेडेमिक काउंसिल के 16 प्रस्ताव, वरीयता, प्रोन्नति व वेतन निर्धारण कमेटी के दो व बिल्डिंग कमेटी के सात प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी.
साथ ही विवि में यूजी-पीजी नामांकन नियम-परिनियम को स्वीकृति दी गयी. बैठक में डॉ एनडी गोस्वामी सहित डॉ विश्वरूप मुखर्जी, डॉ एनएन अोझा, डॉ भोला महतो, डॉ अजय कुमार चौधरी, डॉ नमिता सिंह, डॉ मो अयूब. डॉ दिनेश तिर्की आदि उपस्थित थे.
रांची : मारवाड़ी कॉलेज के नये प्राचार्य डॉ यूसी मेहता बनाये गये हैं. डॉ मेहता ने सोमवार को योगदान भी दे दिया. इससे पूर्व डॉ मेहता जेएन कॉलेज धुर्वा के प्राचार्य थे. डॉ एएन अोझा के सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद रिक्त हो गया था. डॉ मेहता के गिरिडीह से रांची विवि आने के बाद उन्हें रांची कॉलेज का प्राचार्य बनाया गया.
बाद में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि बनने के बाद डॉ मेहता को प्रभारी कुलपति बनाया गया. स्थायी कुलपति की नियुक्ति होने के बाद इन्हें जेएन कॉलेज धुर्वा का प्राचार्य बनाया गया. बताया जाता है कि मारवाड़ी कॉलेज के अॉटोनोमस रहने के कारण यूजीसी नियमानुसार कॉलेज में स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति आवश्यक है. इस मौके पर मारवाड़ी कॉलेज में योगदान देने के बाद डॉ मेहता का कॉलेज शिक्षक संघ द्वारा स्वागत किया गया और शुभकामनाएं दीं गयीं.
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