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ऋण देने में बैंक कर रहे हैं आनाकानी

अरवल : बैंकों की सुस्ती किसानों पर भारी पड़ रही है. प्रशासनिक दबाव के बाद भी बैंक किसानों को ऋण देने में आनाकानी कर रहे हैं. इस वितीय वर्ष में ही छह माह की अवधि बीतने के बाद भी आवेदन देने वाले 61.99 प्रतिशत किसानों को ही कृषि ऋण मिल सका है. ऐसे में ऋण […]

अरवल : बैंकों की सुस्ती किसानों पर भारी पड़ रही है. प्रशासनिक दबाव के बाद भी बैंक किसानों को ऋण देने में आनाकानी कर रहे हैं. इस वितीय वर्ष में ही छह माह की अवधि बीतने के बाद भी आवेदन देने वाले 61.99 प्रतिशत किसानों को ही कृषि ऋण मिल सका है. ऐसे में ऋण पाने की आस में किसान बैंकों का चक्कर लगा रहे हैं.

वहीं गव्य विकास मिशन द्वारा दुधारू पशु पालने के लिए ऋण उपलब्ध कराती है, जिसमें गाय पालने वालों को 50 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध राज्य व केंद्र सरकार देती है, लेकिन बैंकों के उदासीन रवैया के कारण पशुपालन करने वाले के उम्मीद पर पानी फिर रहा है. खेती को बढ़ावा देने में जुटी सरकार ने किसानों को आसान शर्त और कम ब्याज दर पर ऋण देने की व्यवस्था की है, लेकिन जिले में कृषि ऋण पाने के लिए किसानों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कृषि कार्य के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में सरकारी स्तर पर 580.78 करोड़ किसानों को कृषि ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसे लेकर वर्ष के आरंभ में ही बैंकों को दिशा-निर्देश जारी किये गये. बैंकों की प्रत्येक बैठक में प्रशासनिक स्तर पर शत प्रतिशत उपलब्धि पाने के निर्देश भी दिये गये. बावजूद इसके कृषि ऋण के आंकड़ों की बताते हैं कि बैंक कृषि ऋण देने में आनाकानी कर रहे हैं.
आवेदन देने वालों किसानों में से पचास प्रतिशत किसान अभी भी ऋण पाने के लिए भटक रहे हैं. आलम यह है कि तीन बैंकों की उपलब्धि अब तक नगण्य ही है. बैंकों के आंकड़ों को मानें तो जिले में स्थित 14 बैंकों में से सेंट्रल बैंक की स्थिति बहुत खराब है. वहीं पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ इंडिया 40 प्रतिशत भी किसानों को ऋण नहीं उपलब्ध करा पाये. ये तीनों बैंक किसानों को ऋण देने के प्रति उदासीन बने हुए हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
जिले में 61.99 प्रतिशत कृषि ऋण का वितरण किया जा चुका है. जिन बैंकों की उपलब्धि कम है. उस बैंक के प्रबंधक को लिखा गया है. साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड योजना को शत प्रतिशत पूरा करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही बैंकरों को चेतावनी भी दिया गया है कि अगर समय पर ऋण नहीं देंगे तब उनके वरीय पदाधिकारी को लिखा जायेगा.
प्रभाष चंद्र, अग्रणी बैंक प्रबंधक, पीएनबी
कृषि ऋण के लिए बैंक का नाम जिनकी उपलब्धि इस प्रकार है
स्टेट बैंक 44 प्रतिशत
सेंट्रल बैंक 5.28 प्रतिशत
पीएनबी 38.56 प्रतिशत
केनरा बैंक 72.7 प्रतिशत
ग्रामीण बैंक 78.47 प्रतिशत
बैंक ऑफ इंडिया 39.37 प्रतिशत
इलाहाबाद बैंक 65.79 प्रतिशत

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