पटना : बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन विपक्ष के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से बच्चों की मौत पर लाये गये कार्यस्थगन प्रस्ताव पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के बयान देने के बाद सोमवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बोले. उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह संवेदनशील है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मुजफ्फरपुर में जो हुआ, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. दुख व्यक्त करना काफी नहीं है. यह अत्यंत गंभीर मुद्दा है. बच्चों की मौत को लेकर हमने कई बैठकें कीं और इस मुद्दे पर चर्चा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 में एम्स पटना में मैंने एक बैठक की थी. करीब तीन घंटे तक चली इस बैठक में विभिन्न विशेषज्ञों ने अलग-अलग विचार रखे. उन्होंने मौत के कारणों को भी अलग-अलग बताया. इस पर विशेषज्ञ की राय प्राप्त करने के लिए एक रिपोर्ट अमेरिका भी भेजी गयी थी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों की मौत को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भी दौरा किया. एईएस को लेकर हमलोग लगातार बैठकें कर रहे थे. लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का काम सरकार की ओर से किया जा रहा है. हमने एक ज्वाइंट कमेटी बनाने की भी बात कही थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हुई है. स्वास्थ्य मंत्री ने सभी बातों का जिक्र किया है. आर्थिक और सामाजिक स्तर पर सर्वे करने की जरूरत है. हमने आर्थिक और सामाजिक स्तर पर सर्वे कर रिपोर्ट तलब किया है. रिपोर्ट आने पर अगला कदम उठाया जायेगा.
मुख्यमंत्री ने मौसम की अनिश्चितता को लेकर आशंका जतायी कि इस बार भंयकर सूखे के आसार हैं. उन्होंने कहा कि घटना हमलोगों के लिए चिंता की बात है. मौसम की स्थिति को लेकर कोई नहीं जानता. लू से भी इस बार बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है. गया में मैंने अधिकारियों से जापानी इन्सेफेलाइटिस के संबंध में बात की है. बिहार में चार जिलों को छोड़ कर सभी जगहों पर टीकाकरण हुआ है. उन्होंने कहा कि लोगों की मौजूदा हालत में सुधार करना हमारी पहली प्राथमिकता है. बिहार में 84 फीसदी टीकाकरण हो चुका है. लेकिन, हमारा लक्ष्य 100 फीसदी टीकाकरण का है. मुख्यमंत्री ने एक बार फिर दोहराया कि मुजफ्फरपुर अस्पताल को 2500 बेड का बनायेंगे.