नयी दिल्ली : रेलवे की बुलेट ट्रेन परियोजना के क्रियान्वयन का काम देखने वाली एजेंसी एनएचएसआरसीएल ने कहा है कि इस परियोजना से प्रभावित होने वाले मैंग्रोव वृक्षों की संख्या 53 हजार से घटा कर 32,044 करने के लिए महाराष्ट्र के ठाणे में स्टेशन के डिजाइन पर फिर से काम किया है. नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचआरसीएल) के प्रबंध निदेशक (एमडी) अचल खरे ने बयान जारी कर कहा कि वन्यजीव, वन एवं सीआरजेड की जरूरी मंजूरी ले ली गयी है.
उन्होंने कहा कि वन संबंधी मंजूरी कुछ शर्तों के साथ मिली है. पर्यावरण मंत्रालय ने एक शर्त रखी है कि ठाणे स्टेशन डिजाइन की समीक्षा की जाये, ताकि क्षेत्र में प्रभावित मैंग्रोव की संख्या घटायी जा सके. खरे ने कहा, ‘ठाणे स्टेशन की जगह में बिना कोई बदलाव करते हुए, प्रभावित होने वाले मैंग्रोव क्षेत्र को कैसे हर संभव तरीके से घटाया जा सकता है, इस पर हमने जापानी इंजीनियरों के साथ चर्चा की और इसके अनुसार उसमें संशोधन किया.’
उन्होंने कहा, ‘पार्किंग क्षेत्र और यात्री संचालन क्षेत्र जैसे यात्री इलाकों को मैंग्रोव क्षेत्र से हटा दिया गया है. स्टेशन की जगह वही है, लेकिन इसके डिजाइन में बदलाव के बाद, अब केवल तीन हेक्टेयर मैंग्रोव क्षेत्र ही प्रभावित होगा. पहले 12 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हो रहा था. इस तरीके से हमने प्रभावित होने वाले करीब 21,000 मैंग्रोव वृक्ष घटा लिये हैं और पूरी परियोजना से अब केवल 32,044 मैंग्रोव प्रभावित होंगे. इससे पहले करीब 53,000 मैंग्रोव प्रभावित हो रहे थे.’
खरे ने कहा कि एनएचएसआरसीएल बुलेट ट्रेन परियोजना से प्रभावित मैंग्रोव के लिए मैंग्रोव प्रकोष्ठ में 1:5 के अनुपात में पैसा जमाकर मुआवजा देगा. इसका तात्पर्य यह है कि 32,044 मैनग्रोव को काटने के बदले में 1,60,000 मैनग्रोव के पौधे लगाये जायेंगे और इसका पूरा खर्च एनएचएसआरसीएल वहन करेगा.
इससे पहले, महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री दिवाकर राओते ने सोमवार को राज्य विधानसभा में एक प्रश्न के जवाब में कहा था कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए 13.36 हेक्टेयर क्षेत्र में लगे 54,000 मैंग्रोव काटे जायेंगे.