बिजनेस डेस्क
मोदी सरकार खास स्मार्ट मीटर योजना से जल्द ही लोगों को लगातार 24 घंटे बिजली सप्लाई होगी. देश में पावर सेक्टर की स्थिति बहुत बुरी स्थिति है. बिजली उत्पादन और बिजली वितरण कंपनियों की हालत खराब है. बिजली चोरी से जहां कंपनियां घाटे में हैं. वहीं उन पर कर्ज भी बढ़ता जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश की 75 पावर कंपनियों पर 2.24 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है.
यह दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. बिजली चोरी की समस्या से ही सरकार की 24 घंटे बिजली आपूर्ति परवान नहीं चढ़ पा रही है. लेकिन अब स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी पर लगाम लगेगी. इससे जहां पावर कंपनियों की लागत निकलेगी. वहीं दूसरी ओर बिजली की मुफ्तखोरी कर रहे लोगों पर भी लगाम लगेगा. केंद्र सरकार पावर सेक्टर की स्थिति सुधारने के लिए देश के हर घर और कारोबारी संस्थानों में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना पर काम कर रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अगले तीन साल में 30 करोड़ स्मार्ट मीटर की जरूरत पड़ेगी. अभी सरकार की इस महत्त्वाकांक्षी योजना की पूरी जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है.
स्मार्ट मीटर लगाने पर सरकार देगी सब्सिडी
ऊर्जा मंत्रालय ने स्मार्ट मीटर की सप्लाइ के लिए मैनुफैक्चरर्स से बातचीत शुरू कर दिया है. यह स्मार्ट मीटर इलेक्ट्रिसिटी यूज को मॉनिटर करेगा. योजना के मुताबिक केंद्र सरकार इस पर सब्सिडी भी देने की योजना बना रही है. प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक एक स्मार्ट मीटर पर करीब 2,000 रुपये का खर्च आयेगा. सभी 30 करोड़ स्मार्ट मीटर पर करीब 60 हजार करोड़ रुपये का खर्च आयेगा. यह अनुमान 2017 में 50 लाख स्मार्ट मीटर के लिए निकाले गये एक टेंडर पर आधारित है. इस टेंडर में एक स्मार्ट मीटर पर करीब 2,503 रुपये का खर्च आया था. श्नाइडर इलेक्ट्रिक एसइ और साइमन्स एजी भी स्मार्ट मीटर बनाती हैं.
-75 बिजली कंपनियों पर 2.24 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बाकी है देश में
इन उपायों से भी हालत में सुधार
-एलइडी बल्व का विस्तार
-सोलर पावर सिंचाई पंप
-अंडरग्राउंड तारों का इस्तेमाल