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जूनियर डॉक्टरों का तांडव, मरीज के परिजनों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, अस्पताल में हंगामा

गिरियक (नालंदा) : पावापुरी स्थित वर्धमान मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (विम्स) में गुरुवार की देर शाम जूनियर डॉक्टरों ने जमकर तांडव मचाया. भर्ती मरीज के परिजनों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. इस दौरान एक परिजन बुरी तरह से जख्मी हो गये. किसी तरह जान बचा कर विम्स अस्पताल से भागे जख्मी परिजन अमित ने बिहारशरीफ […]

गिरियक (नालंदा) : पावापुरी स्थित वर्धमान मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (विम्स) में गुरुवार की देर शाम जूनियर डॉक्टरों ने जमकर तांडव मचाया. भर्ती मरीज के परिजनों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. इस दौरान एक परिजन बुरी तरह से जख्मी हो गये. किसी तरह जान बचा कर विम्स अस्पताल से भागे जख्मी परिजन अमित ने बिहारशरीफ सदर अस्पताल पहुंच कर अपना इलाज कराया.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार करीब पचास की संख्या में रहे जूनियर डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मियों ने यहां भर्ती एक मरीज से मिलने पहुंचे उनके कुछ परिजनों की जमकर धुनाई कर दी. इस दौरान कुछ लोग जख्मी और चोटिल हो गये. इधर, घटना की सूचना पर विम्स पहुंची पावापुरी ओपी की प्रभारी प्रभा कुमारी के साथ भी जूनियर डॉक्टरों ने बदसलूकी का प्रयास किया. जूनियर डॉक्टरों ने उनके विरुद्व ‘वापस जाओ’ को लेकर जमकर नारेबाजी भी की. अस्पताल में जमकर हंगामा किया. पुलिस प्रशासन विरोधी नारे भी लगाये.

इधर, स्थिति अनियंत्रित होते देख ओपी प्रभारी प्रभा ने इसकी सूचना अपने वरीय पदाधिकारियों को दी. सूचना के तुरंत बाद दल-बल के साथ एसपी नीलेश कुमार, राजगीर एसडीओ संजय कुमार एवं राजगीर डीएसपी सोमनाथ प्रसाद पहुंचे और आक्रोशित जूनियर डॉक्टरों व मरीजों को समझा बुझाकर मामले को शांत कराया. एसपी नीलेश ने घटना में संलिप्त रहे लोगों के विरुद्व अविलंब प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई करने को कहा है. उन्होंने कहा कि विधि व्यवस्था को भंग करने एवं कानून को हाथ में लेनेवाले लोग आम हो या खास, किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा.

क्या है मामला?

शेखपुरा जिले के 18 वर्षीय सुमन कुमार की तबीयत गुरुवार को बिगड़ गयी थी. परिजनों ने सुमन को विम्स के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया था. लेकिन, मरीज की स्थिति बिगड़ते देख उनके परिजनों ने जूनियर चिकित्सकों से सीनियर डॉक्टर को बुलाने का अनुरोध किया. नर्स और वहां मौजूद जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि मरीज की स्थिति ठीक-ठाक है. दुबारा अनुरोध करने पर मरीज के परिजनों पर जूनियर डॉक्टर आक्रोशित हो गये. फिर बात नोक-झोंक से होते हुए बदसलूकी और मारपीट तक जा पहुंची. यह सिलसिला संध्या सात बजे तक चला. बाद में अस्पताल प्रबंधन के हस्तक्षेप से मरीज के परिजनों से लिखित माफीनामा लिये जाने के बाद सबकुछ सामान्य हो गया. इसके बाद पावा गांव के सत्येंद्र सिंह के पुत्र अमित कुमार भर्ती मरीज को देखने पहुंचे. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार अस्पताल में पूर्व से घात लगाये करीब चार दर्जन जूनियर डॉक्टरों ने सत्येंद्र के साथ हाथापाई की. एक-दूसरे को देख लेने की बात भी हुई. मामले की भनक लगते ही पावापुरी ओपी प्रभारी प्रभा कुमारी पहुंची, तो जूनियर डॉक्टरों ने उनके विरुद्व ‘वापस जाओ’ की नोरबाजी के साथ बदसलूकी का प्रयास किया.

कॉलेज प्राचार्य व अस्पताल अधीक्षक ने जताया दु:ख

विम्स अस्पताल के अधीक्षक डॉ ज्ञान भूषण प्रकाश ने कहा कि अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों द्वारा मरीज के परिजनों के साथ मारपीट एवं अस्पताल में हंगामा अच्छी बात नहीं है. गलतफहमी के कारण हुई घटना निंदनीय भी है. इधर, विम्स के प्राचार्य डॉ जेके दास ने कहा है कि अगर इस घटना पर पहले ध्यान दिया जाता तो आज यह नौबत नहीं आती. उन्होंने इस घटना पर दु:ख भी जताया है.

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