डलास : अमेरिका में डलास की एक अदालत ने बिहार की बच्ची शिरीन मैथ्यूज की मौत के मामले में उसके भारतीय-अमेरिकी दत्तक पिता वेस्ले मैथ्यूज को बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. 2017 में तीन वर्षीय शिरीन की मौत ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था.
मैथ्यूज (39) ने सोमवार को शिरीन की मौत के मामले में एक बच्चे को चोट पहुंचाने के हल्के आरोप को लेकर गुनाह कबूला. इस मामले में 12 सदस्यों वाली ज्यूरी ने बुधवार को सर्वसम्मति से मैथ्यूज को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. वह 30 साल की कैद के बाद पैरोल के लिए अनुरोध कर सकता है. मैथ्यूज ने अक्तूबर, 2017 में शिरीन की हत्या कर दी थी.
बिहारशरीफ से ली थी गोद, गया में सड़क पर फेंकी मिली थी
शिरीन को वेस्ले मैथ्यूज व पत्नी सिनी मैथ्यूज ने 13 जुलाई, 2016 में बिहारशरीफ स्थित मदर टेरेसा अनाथ आश्रम से सरस्वती नामक बच्ची को गोद लिया था. सरस्वती 2014 में गया में सड़क के किनारे फेंकी हुई मिली थी.
गया बाल कल्याण समिति ने इस बच्ची को मदर टेरेसा आश्रम, बिहारशरीफ को सौंपा था. गोद लेने के बाद अमेरिकी दंपती ने सरस्वती का नाम शेरिन मैथ्यूज रखा था. पिता वेस्ले मैथ्यूज मूलत: केरल के एर्नाकुलम के निवासी हैं.
गोद लेने के बाद अमेरिकी दंपती उसे अमेरिका के हॉस्टन लेकर चले गये थे. अमेरिका जाने के करीब तीन माह बाद सात अक्तूबर, 2016 को शेरिन को पिता वेस्ले ने दूध नहीं पीने पर घर से निकाल दिया था. 15 दिन बाद उसका शव उसके घर के पास एक पुलिया पर मिला था. पुलिस ने शिरीन की दत्तक मां सिनी पर नवंबर, 2017 में बच्चे के परित्याग का मामला दर्ज किया था.