पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण प्रणाली-2019 के क्रियान्वयन की शुरुआत की. इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, मुख्य सचिव समेत कई अधिकारी मौजूद थे.
बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण प्रणाली-2019 के तहत राज्य सरकार के सभी नियमित कर्मियों की शिकायतों का निवारण दो माह के अंदर किया जायेगा. नयी प्रणाली के तहत सेवारत कर्मियों के सेवा मामलों एवं सेवानिवृत्त कर्मियों के सेवांत लाभों की स्वीकृति तथा भुगतान से संबंधित शिकायतों का त्वरित, पारदर्शी एवं प्रभावी निवारण किया जायेगा.
किस प्रकार की शिकायतों का होगा निष्पादन
नयी प्रणाली के तहत राज्य सरकार के सभी वर्ग के सेवारत एवं सेवानिवृत्त कर्मियों की अपनी नियुक्ति से संबंधित मामले, सेवा संपुष्टि से संबंधित मामले, वेतन भुगतान एवं वेतन वृद्धि से संबंधित मामले, प्रोन्नति, एसीपी-एमएसीपी से संबंधित मामले, आकस्मिक छुट्टी को छोड़ कर शेष छुट्टियों की स्वीकृति से संबंधित मामले, छुट्टी-वेतन से संबंधित मामले, भत्तों की स्वीकृति एवं भुगतान से संबंधित मामले, चिकित्सा प्रतिपूर्ति से संबंधित मामले और सेवांत लाभ (जैसे-पेंशन, उपादान, ग्रूप बीमा, अनयूटिलाइज्ड अर्न्ड लीव इनकैशमेंट तथा जीपीएफ भुगतान) से संबंधित मामलों का निष्पादन किया जायेगा.
किन-किन मामलों की नहीं की जा सकेंगी शिकायतें
अगर किसी न्यायालय में शिकायतें की गयी हैं, तो ऐसे मामलों को नियमावली के अधीन शिकायत के रूप में नहीं माना जायेगा. इसके अलावा अनुशासनिक एवं विभागीय कार्रवाई से संबंधित मामले, स्थानांतरण-पदस्थापन-प्रतिनियुक्ति से संबंधित मामले और सूचना के अधिकार के अधीन कोई मामला इस नियमावली के अधीन शिकायत के रूप में नहीं माना जायेगा.