बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग जी20 शिखर बैठक के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन और समूह के कुछ अन्य नेताओं से अलग से बात करेंगे.
चीन के एक वरिष्ठ मंत्री ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इन नेताओं के साथ बैठकों में अमेरिका की ओर से एकतरफा व्यापारिक कार्रवाइयों और संरक्षणवादी नीतियों पर विशेष रूप से चर्चा की जाएगी.चीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की इकतरफा व्यापारिक कार्रवाइयों का विरोध कर रहा है. उसका कहना है कि ट्रंप व्यापार और प्रशुल्क को केवल अमेरिकी हित को प्राथमिकता देने के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं.
जी20 शिखर सम्मेलन इसी सप्ताह जापान के ओसाका शहर में 28-29 जून को होने जा रहा है. राष्ट्रपति शी वहां एक दिन पहले पहुंचने वाले हैं. वह वहां ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के नेताओं से बातचीत में अमेरिकी संरक्षणवाद का मुद्दा विस्तार से उठा सकते हैं.
मोदी, शी और पुतिन अभी पिछले दिनों किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के समय भी मिले थे. चीन के सहायक विदेश मंत्री झांग जुन ने मोदी-शी-पुतिन बैठक को महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा, ‘वर्तमान अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में इन तीनों नेताओं की बैठक भी महत्वपूर्ण है.
आप तो जानते ही हैं कि चीन के रूस और भारत के साथ संबंधों में ठोस वृद्धि दिख रही है.’ झांग ने मीडिया के प्रतिनिधियों से यहां कहा, ‘ओसाका में होने जा रहे शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति शी ब्रिक्स नेताओं के साथ अनौपचारिक बैठकें करेंगे.
चर्चा के विषय जी20 शिखर बैठक की कार्यसूची के साथ मेल खाने वाले ही होंगे.’ इसके अलावा इन नेताओं के साथ आर्थिक, राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर ब्रिक्स देशों के बीच जनता के स्तर पर संपर्क बढ़ाने जैसे विषयों पर बातचीत होगी ताकि सहयोग का और विस्तार हो सके.
इस बीच चीन ने कहा है कि वह अपनी संप्रभुता की कीमत पर अमेरिका के साथ कोई व्यापारिक समझौता नहीं करेगा. चीन का कहना है कि दोनों ही पक्षों को कुछ झुकना होगा. चीन के राष्ट्रपति शी ओसाका में ट्रंप से भी मिलने वाले हैं.