पटना: बिहारके उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि सूबे में चमकी बुखार से बच्चों की दुखद मौत के बाद भी विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव न अपने महीने भर लंबे अज्ञातवास से बाहर आकर पीड़ित परिवारों का दुख साझा करने पहुंचे, न राहत और बचाव का कोई कार्यक्रम चलाने की घोषणा की. ऐसे में केवल प्रचार पाने के लिए आयोजित राजद का धरना तो फ्लाप होना ही था. राजद और कांग्रेस में यदि थोड़ी भी संवेदनशीलता होती, तो वे विधायक-सांसद निधि से बच्चों के लिए अस्पताल बनाने में सहयोग की पेशकश करते. बिहार में भाजपा के सभी सांसदों ने सांसद निधि से अस्पताल के लिए राशि देने की सिफारिश कर मिसाल कायम की.
अपनेएक अन्य ट्वीट में सुशील मोदी ने कहा कि जब कांग्रेस को बचाने के लिए गांधी-नेहरू-वाड्रा परिवार से बाहर के किसी व्यक्ति को कमान सौंपने पर विचार हो सकता है, तब राजद के शुभचिंतक लालू परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति को नेतृत्व का अवसर देने के बारे में क्यों नहीं सोच सकते? जब लालू प्रसाद जेल में हैं और दूसरी पीढ़ी का नेतृत्व ओझल है, तब क्या बिहार में भी पार्टी टूट का इंतजार कर रही है?
एनडीए मजबूत विपक्ष को लोकतंत्र के लिए आवश्यक मानता है.