वाशिंगटन : अमेरिका और ईरान के बीच जंग जैसे माहौल बनते जा रहे हैं. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाने वाले कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. जिसके बाद अब अमेरिका ने ईरान की अरबों की संपत्ति पर बैन लगा दिया.
इधर अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने सोमवार को संयुक्त बयान जारी करके ईरान के साथ बढ़ रहे तनाव को कम करने के लिए कूटनीतिक हल निकालने की बात कही.
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने यह बयान सऊदी और अमीरात के नेताओं से बातचीत के बाद जारी किया. इसमें कहा गया है कि उन्होंने ईरान से अपील की है कि ऐसी किसी होने वाली कार्रवाई को रोक दिया जाए जिससे क्षेत्रीय स्थिरता को चुनौती मिलती है और तनाव घटाने के लिए राजयनिक हल निकालने का अनुरोध किया है.
* ट्रंप ने कहा : अन्य देश खाड़ी में अपने तेल परिवहन की सुरक्षा खुद करें
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि अन्य देशों को खाड़ी में अपनी तेल खेपों की सुरक्षा खुद करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ‘खतरनाक’ क्षेत्र में अमेरिका का केवल सीमित रणनीतिक हित है.
ट्रंप ने ट्वीट किया कि ईरान को लेकर अमेरिका यह चाहता है कि ‘कोई परमाणु हथियार न हो और आगे आतंकवाद का कोई समर्थन न हो.’ उन्होंने कहा कि जहां तक फारस की खाड़ी से विश्व को तेल निर्यात के एक बड़े हिस्से के परिवहन में इस्तेमाल होने वाले समुद्री मार्गों को बंद करने की ईरान की धमकी की बात है तो अमेरिका का इससे कोई लेना-देना नहीं है.
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका अब विश्व का सबसे बड़ा ऊर्जा उत्पादक है, इसलिए वह पश्चिम एशियाई तेल पर दशकों की निर्भरता से अलग हो रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि हमारे वहां रहने की भी जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा, हम (अनेक वर्षों से) दूसरे देशों के लिए समुद्री मार्गों की नि:शुल्क रक्षा क्यों कर रहे हैं. इन सभी देशों को खतरनाक यात्रा वाले मार्गों पर अपने जहाजों की रक्षा खुद करनी चाहिए.
ट्रंप ने कहा कि जहां तक ईरान की बात है तो उनकी एकमात्र मांग यह है कि वह देश परमाणु हथियार हासिल न करे और आतंकी समूहों को समर्थन देना बंद करे. ईरान के लिए अमेरिका का आग्रह साधारण सा है.