पटना/मुजफ्फरपुर : बारिश का मौसम शुरू होने के साथ रविवार को मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का एक भी नहीं मामला दर्ज नहीं किया गया. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने इस प्रभावित जिले में ड्यूटी के लिए नहीं आने वाले पीएमसीएच के एक डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की है. प्रधान सचिव, स्वास्थ्य, संजय कुमार ने फोन पर पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (पीएमसीएच) के एक सीनियर रेजीडेंट डॉ भीमसेन कुमार को 19 जून तक एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर में रिपोर्ट करने को कहा गया था.”
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन वह ऐसा करने में नाकाम रहे, जिस पर विभाग ने इस चूक को लेकर गंभीर रुख अपनाया है. उन्हें विभागीय जांच लंबित रहने तक निलंबित रखा गया है, जिसके पूरा होने पर आगे कार्रवाई की जा सकती है.” इस बीच, श्री कृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच) के अधीक्षक सुनील कुमार शाही ने कहा, ‘‘एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) बच्चों को उस वक्त अपनी चपेट में लेता है, जब भीषण गर्मी पड़ रही होती है और इलाके में बारिश होने पर इस रोग का प्रसार रूकता है. इस बार भी यही हो रहा है और आज दिन में अब तक एक भी बच्चा भर्ती नहीं किया गया.
वहीं, चमकी बुखार से पीड़ितों के स्वस्थ होने के बाद उन्हें लगातार अस्पताल से छुट्टी दे रही है.” राज्य स्वासथ्य विभाग के मुताबिक चमकी बुखार से राज्य के 40 जिलों में करीब 20 जिले प्रभावित हैं. इस रोग से एक जून से 600 से अधिक बच्चे पीड़ित हुए, जिससे करीब 140 बच्चों की मौत हुई. मुजफ्फरपुर सबसे बुरी तरह से प्रभावित जिला है जहां 430 बच्चों को भर्ती किया गया जिनमें सिर्फ एसकेएमसीएच में ही 109 बच्चे भर्ती कियेगये. जबकि, एक निजी अस्पताल केजरीवाल हॉस्पिटल ने 162 रोगियों को भर्ती किया और वहां 20 मौतें हुई. इस साल इस रोग से अधिक संख्या में मौत होने की मुख्य वजह खून में शर्करा (चीनी) के स्तर में कमी आना है.