बंटी कुमार
मोकामा : शराबबंदी के बाद अंडा उत्पादन यूनिट मोकामा व आसपास के इलाकों में रोल मॉडल बन चुका है. युवा उद्यमियों के बीच फार्म हाउस बनाने की होड़ मची है. इलाके में गत छह माह में 10 बड़े फार्म हाउस लगाये गये, जबकि तकरीबन छह अन्य यूनिटों पर काम तेजी से चल रहा है. कभी शराब व्यवसाय से जुड़े लोगों का इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा झुकाव है.
इलाके में अंडा उत्पादन की शुरुआत करने वाले उद्यमी सुधीर सिंह का कहना है कि इससे गाढ़ी कमाई हो रही है. इससे पहले वे शराब कारोबार से जुड़े थे. शराबबंदी के बाद किसी अच्छे रोजगार की तलाश थी. इसी बीच अंडा उत्पादन के क्षेत्र में सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की जानकारी मिली. उन्होंने अपने साथियों की मदद से हथिदह में फॉर्म हाउस स्थापित किया.
यह इलाके के लोगों के लिए कौतूहल का विषय बन गया. थोड़े ही दिनों में अन्य कई उद्यमियों ने फार्म हाउस बनाने का काम शुरू कर दिया. बरहपुर के युवा व्सवासयी राजीव कुमार ने बताया कि उन्होंने 2000 मुर्गियों की क्षमता वाला फार्म हाउस बनाया है. इसमें प्रतिदिन 1800 अंडे का उत्पादन होता है.
बाजार की चिंता नहीं है. फॉर्म से ही हाथों-हाथ क्षेत्र के व्यवसायी ही अंडे का क्रय कर लेते हैं. हालांकि अन्य फार्म से समस्तीपुर और बेगूसराय जिले के व्यवसासियों को अंडे की आपूर्ति की जा रही है. मोकामा में स्थापित यूनिट 2000 से 5000 हजार मुर्गियों की क्षमता वाले हैं.
मोकामा इलाके में 10 बड़े फार्म हाउस हुए स्थापित, हो रही गाढ़ी कमाई
सहकारिता को मिला बल
अंडा उत्पादन के क्षेत्र में युवाओं के कूदने से सहकारिता को भी बल मिला है. जानकारी के मुताबिक अंडा उत्पादन यूनिट लगाने में 15 से 50 लाख रुपये की लागत आती है. इसको लेकर 10-15 लोगों की कमेटी बनाकर फार्म हाउस स्थापित किये जा रहे हैं. प्रगतिशील किसान भवेश सिंह ने बताया कि उन्होंने 5000 मुर्गियों की क्षमता वाला फार्म हाउस बनाया है.
इसमें उन्हें सरकार का भरपूर सहयोग मिला. फार्म हाउस निर्माण से लेकर मुर्गी का चूजा व दाना उपलब्ध कराने का काम घर बैठे ही संभव है. पटना और यूपी की कई कंपनियां अंडा उत्पादकों को निर्धारित कीमत पर चूजा व मुर्गी दाना उपलब्ध कराने का काम करती है. यह खेती की मार झेल रहे किसानों के लिए रामबाण साबित हो सकता है.